तीन हजार आवारा कुत्तों को पकड़ेगी पांच कर्मचारियों की टीम
संवाद सहयोगी रुड़की शहर में आवारा कुत्तों के खौफ से लोगों को निजात मिलेगी। नगर निगम अ
संवाद सहयोगी, रुड़की : शहर में आवारा कुत्तों के खौफ से लोगों को निजात मिलेगी। नगर निगम आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए अभियान शुरू कर रहा है। इसी सप्ताह से यह अभियान शुरू हो जाएगा। इसके लिए निगम ने पांच प्रशिक्षित कर्मचारियों की टीम बनाई है। अभियान के तहत प्रशिक्षित कर्मचारी आवारा कुत्तों को डॉग कैप्चर और पिजरा गाड़ी जरिये पकड़ेगें। अभियान शुरू करने से पहले निगम सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
नगर निगम रुड़की के 40 वार्डों में आवारा कुत्तों का खौफ है। एक आंकड़े के मुताबिक निगम क्षेत्र में तीन हजार आवारा कुत्ते हैं। यह कुत्ते आए दिन लोगों को काटते हैं। यहीं नहीं पैदल एवं वाहनों आदि से जा रहे लोगों के पीछे भी दौड़ते हैं। जिससे कई बाद दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं। शहर में कई स्थानों पर तो आवारा कुत्तों के झुंड के झुंड घूम रहे हैं। इन्हें देखकर लोग डरे रहते हैं। बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी लोग चितित रहते हैं। नगर निगम लोगों को अब इस भय से निजात दिलाने जा रहा है। नगर निगम आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए अभियान शुरू कर रहा है। अभियान इसी सप्ताह से शुरू होने की उम्मीद है। कुत्ता पकड़ने के लिए एक पिजरा गाड़ी भी तैयार की जा रही है। शिकायत मिलने पर नगर निगम की टीम वहां पहुंचेगी और आवारा कुत्तों को पकड़ लेगी। नगर निगम की नगर आयुक्त नूपुर वर्मा ने बताया कि आवारा कुत्तों को पकड़ने का काम जल्द शुरू हो जाएगा। इसके लिए लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। शिकायत मिलने पर डॉग कैप्चर टीम वहां जाएगी और आवारा कुत्तों को पकड़ ले जाएगी।
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पशु चिकित्सालय में कराया जाएगा बधियाकरण
टीम ने आवारा कुत्तों को पकड़कर पशु चिकित्सालय ले जाएगी। जहां कुत्तों का बधियाकरण कराया जाएगा। ताकि आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को रोका जा सके। हालांकि नगर निगम की ओर से एबीसी (एनीमल बर्थ कंट्रोल) सेंटर भी बनाया जा रहा है। इसके बाद आवारा कुत्तों को इस सेंटर पर ले जाकर वहां बधियाकरण कराया जाएगा।
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अस्पताल में मार्च से नहीं है एंटी रैबीज इंजेक्शन
सिविल अस्पताल रुड़की में प्रतिदिन कुत्ते काटे के शिकार 30 से 40 लोग पहुंचते हैं। अस्पताल में एंटी रैबीज इंजेक्शन न होने के चलते इन मरीजों को निराश ही लौटना पड़ता है। अस्पताल में 17 मार्च से एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं है। जिसके चलते मरीजों को मेडिकल स्टोर से ही इन इंजेक्शन को खरीदाना पड़ता है। मेडिकल स्टोर पर यह इंजेक्शन 350 रुपये से अधिक मिलता है। यही कारण है कि गरीब लोग इस इंजेक्शन को लगवा नहीं पाते हैं। ऐसे में उनके शरीर में रैबीज फैलने की आशंका बनी रहती है। पिछले एक साल के भीतर रैबीज फैलने से करीब चार बच्चों की मौत हो चुकी है।
सीएमएस डॉ. संजय कंसल ने बताया कि एंटी रैबीज इंजेक्शन के लिए लगातार डिमांड भेजी जा रही है, लेकिन इंजेक्शन मिल नहीं पा रहे हैं।
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आइआइटी प्रशासन भी कर चुका शिकायत
रुड़की: रुड़की शहर के आवारा कुत्तों को लेकर आइआइटी प्रशासन भी नगर निगम के अधिकारियों से शिकायत कर चुका है। आइआइटी प्रबंधन ने इस संबंध में निगम के अधिकारियों को पत्र लिखकर बताया था कि शहर के आवारा कुत्ते संस्थान में आ जाते हैं। जिससे छात्र एवं स्टॉफ की सुरक्षा को खतरा है। इसलिए इन आवारा कुत्तों को पकड़ा जाए।