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गंगा में न डूबने वाला पत्थर बना कौतूहल का विषय

हरिद्वार के लालढांग में गंगा में मिला एक पत्थर पानी में नहीं डूब रहा है। इस पत्थर को भगवान का रूप मानकर श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना शुरू कर दी है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 10 Jul 2017 04:35 PM (IST)Updated: Tue, 11 Jul 2017 06:00 AM (IST)
गंगा में न डूबने वाला पत्थर बना कौतूहल का विषय
गंगा में न डूबने वाला पत्थर बना कौतूहल का विषय

लालढांग(हरिद्वार),[जेएनएन]: गंगा में मिले पत्थर क्षेत्र में कौतुहल का विषय बना हुआ है। चर्चा है कि पत्थर पानी में डूब नहीं रहा है। इस पत्थर को भगवान का रूप मानकर श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना शुरू कर दी है। जो भी इस पत्थर के बारे में सुन रहा है, उसे देखने के लिए दौड़ पड़ रहा है। ग्रामीण उसे भगवान का चमत्कार मान उसकी पूजा करने में लगे हैं। पत्थर का वजन करीब पौने दो किलो है, जबकि लंबाई भी 12 इंच है।

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 बहादराबाद ब्लॉक के गाजीवाली गांव के किनारे से होकर गंगा नदी गुजरती है। क्षेत्र के ग्रामीण रोजाना सुबह-सुबह गंगा में स्नान करने जाते हैं। 5 जुलाई को गाजीवाली के नंदविहार निवासी राजू रोजाना की तरह गंगा में स्नान कर रहा था, तभी उसे गंगा में एक पत्थर दिखाई दिया। पत्थर तेज बहाव में बह कर आ रहा था। यह देखकर राजू चौंक गया। राजू का दावा है कि उसने हिम्मत करते हुए पत्थर को पकड़कर दुबारा गंगा में डूबोया, लेकिन डूबने की बजाय तैरने लगा है। 

 राजू यह सब देख हैरत मे पड़ गया। राजू पत्थर को घर ले गया। राजू ने घर में भगौने में पानी भरकर पत्थर को दुबारा से डाला, लेकिन दावा किया गया है कि पत्थर नहीं डूबा। इसकी जानकारी राजू ने ग्रामीणों को दी, जिसके बाद घर में पत्थर कोदेखने के लिए आने का तांता लग गया। यह सब देखकर ग्रामीण उस पत्थर को चमत्कारी पत्थर मानने लगे। आलम है कि श्यामपुर, कांगड़ी, सज्जनपुर, बाहरपीली आदि समेत आसपास के ग्रामीण भी पत्थर को देखने आ रहे हैं। कोई उसे भगवान को आशीर्वाद मान रहा है। तो कोई उसे त्रेतायुग में बने रामसेतु में प्रयोग होने वाला पत्थर बता रहा है। 

 पत्थर को भगवान का रूप मानकर ग्रामीणों द्वारा धूपबत्ती, फूल, फल चढ़ाने केसाथ ही सिक्के चढ़ा रहे हैं, जो चर्चा का विषय बना हुआ है। गाजीवाली के होरी सिंह और गोपाल दत्त ने बताया कि उन्होंने आज तक इस प्रकार का पत्थर नहीं देखा है। कहा कि जरूर यह कोई चमत्कारिक पत्थर है। पत्थर पाने वाले राजू ने बताया कि अब वो प्रतिदिन सुबह पत्थर को गंगा में स्नान कराने ले जाते हैं। बताया कि जब से उनको पत्थर मिला है, उनके यहां उसे देखने के लिए भीड़ बढ़ती जा रही है।

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