खनन पर रोक संबंधी सीपीसीबी का आदेश यथावत: शिवानंद
मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने खनन पर दिए गए हार्इकोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश को समग्र रूप में पेश नहीं किया गया है।
हरिद्वार, [जेएनएन]: गंगा के पांच किलोमीटर दायरे में खनन पर लगी रोक हटने संबंधी हाईकोर्ट के आदेश पर मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश को समग्र रूप में पेश नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि खनन पर रोक संबंधी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का आदेश यथावत है। यहां तक कि हाईकोर्ट ने अवैध खनन और क्रशिंग पर सख्त कार्रवाई के भी आदेश दिये हैं।
मातृसदन परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने बताया कि हाईकोर्ट ने तो केवल वर्ष 2016 में कटारपुर के कुछ ग्रामीणों द्वारा ग्राम पंचायत और श्मशान भूमि पर संचालित एक स्टोर क्रशर मालिक के खिलाफ केस को मूल स्वरूप में रखा है। चूंकि इस केस में सरकार ने उनका पक्ष न सुने जाने की बात कही है।
मातृसदन में आयोजित प्रेस वार्ता में परमाध्यक्ष ने बताया कि 2016 में कटारपुर के कुछ ग्रामीणों ने एक क्रशर मालिक के खिलाफ केस किया था। ग्रामीणों का कहना था कि क्रशर ग्राम समाज और श्मशान भूमि पर संचालित है। इस मामले में हाईकोर्ट ने तीन मई 2017 को क्रशर बंद करने के आदेश दिये थे। जिसे सरकार और स्टोन क्रशर मालिकों ने रिव्यू याचिका के माध्यम से खंडपीठ के समझ चुनौती दी थी।
इस मामले में सरकार की ओर से उनका पक्ष न सुने जाने की बात कही गई। जिस पर कोर्ट ने वर्ष 2016 के केस को मूल स्वरूप में रखते हुए सीपीसीबी के 6 दिसंबर 2016 के आदेश को यथावत रखा है। सीपीसीबी ने गंगा में डाउन स्ट्रीम में खनन और स्टोन क्रशर बंद करने के आदेश दिये थे। परमाध्यक्ष ने बताया कि यहां तक कि हाईकोर्ट ने अवैध खनन और क्रशिंग पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिये हैं।
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