जब सीमाएं सील हैं, फिर पड़ोसी राज्यों से कैसे पहुंचे जमाती Haridwar News
हरिद्वार जनपद अब तीन कोरोना संक्रमित पाए जाने से रेड लिस्ट में आ गया है। सवाल उठ रहे हैं कि जब सीमाएं सील हैं तो पड़ोसी राज्यों से जमाती अपने घर कैसे पहुंच गए।
हरिद्वार, मेहताब आलम। एक हफ्ता पहले तक कोरोना से सुरक्षित माना जा रहा हरिद्वार जनपद अब तीन कोरोना संक्रमित पाए जाने से रेड लिस्ट में आ गया है। तीनों कोरोना संक्रमित जमाती होने के चलते सवाल उठ रहे हैं कि जब सीमाएं सील हैं तो पड़ोसी राज्यों से जमाती अपने घर कैसे पहुंच गए। उनके घर पहुंचने के चार दिन बाद तक भी पुलिस, प्रशासन, खुफिया और स्वास्थ्य विभाग बेखबर क्यों रहा। कोरोना की दहशत से घर की दहलीज तक पहुंचने पर लोग यह मान रहे हैं कि जमातियों को बॉर्डर से प्रवेश न करने दिया जाता तो शायद अब भी जिला सुरक्षित होता।
हरिद्वार जनपद की सीमाएं उत्तर प्रदेश के बिजनौर, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर जिलों से मिलती हैं। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू से एक दिन पहले ही शासन के निर्देश पर तीनों जगहों पर सीमाओं को सील कर दिया गया था। ताकि कोई बाहरी व्यक्ति उत्तराखंड में प्रवेश न कर सके। जिलाधिकारी व एसएसपी सहित आला अधिकारियों ने कई बार बॉर्डर का मुआयना कर पुलिसकर्मियों को सख्त निर्देश दिए। इसके बावजूद वही हुआ, जिसका डर था। राजस्थान से एक और मेरठ उत्तर प्रदेश से कोरोना संक्रमण लेकर हरिद्वार पहुंचे दो जमातियों ने जनपद की लगभग 23 लाख की आबादी को कोरोना के बेहद करीब लाकर खड़ा कर दिया।
जमातियों के हरिद्वार की सीमा में दाखिल होने पर जो लापरवाही हुई, वह अलग बात है। उनके घर पहुंचने के कई दिन बाद तक भी सरकारी अमला इतने बड़े खतरे से अंजान रहा। ज्वालापुर के सभी दस जमाती 27 मार्च को घर पहुंचे। लेकिन, उन्हें क्वारंटाइन एक अप्रैल को कराया गया। इस दरम्यान चार दिन तक कोरोना संक्रमित जमाती बेखौफ होकर घूमते रहे और दूसरों की जिंदगियां खतरे में डालते रहे। स्थानीय जनप्रतिनिधियों, विशेष पुलिस अधिकारियों व आस-पास के लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना देकर अपनी जिम्मेदारी क्यों नहीं निभाई। इसे चूक कहें या लापरवाही, पूरे मामले में कहीं न कहीं पुलिस, प्रशासन और खुफिया विभाग की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में है।
यह भी पढ़ें: Dehradun Lockdowm: जनपद की सीमाओं पर बढ़ाई गई चौकसी, मालवाहक वाहनों की गहनता से जांच
तो लोडर से पार किया बॉर्डर
सूत्र बताते हैं कि पुलिस की पूछताछ में जमातियों ने लोडर में बैठकर बॉर्डर पार करने की जानकारी दी है। दरअसल, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सीमाओं पर दोनों तरफ बसे गांवों में लॉकडाउन के बावजूद अवागमन बना हुआ है। पुलिस इससे वाकिफ है। इसके बावजूद इन गुप्त रास्तों पर चौकसी क्यों नहीं बढ़ाई गई। इसको लेकर सीमावर्ती थाना-कोतवाली और पुलिस चौकियों की मुस्तैदी पर भी सवाल उठ रहे हैं।
यह भी पढ़ें: Dehradun Lockdown: गौहरीमाफी और हरिपुरकलां के सारे मार्ग पुलिस ने किए सील Dehradun News