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अमन का पैगाम लेकर कलियर पहुंचे पाकिस्तानी जायरीन

संवाद सूत्र, कलियर: कलियर के सालाना उर्स में भाग लेने के लिए पाकिस्तान से 91 जायरीनों का जत्था

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 03:01 AM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 03:01 AM (IST)
अमन का पैगाम लेकर कलियर पहुंचे पाकिस्तानी जायरीन
अमन का पैगाम लेकर कलियर पहुंचे पाकिस्तानी जायरीन

संवाद सूत्र, कलियर: कलियर के सालाना उर्स में भाग लेने के लिए पाकिस्तान से 91 जायरीनों का जत्था मंगलवार सुबह लाहौरी एक्सप्रेस से रुड़की रेलवे स्टेशन पर पहुंचा। यहां पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पाकिस्तान के जायरीनों को रोडवेज बसों से कलियर साबरी गेस्ट हाउस तक लाया गया। बस से कदम उतारते ही जायरीन बेहद भावुक नजर आए। उन्होंने यहां की जमीन को सजदा करते हुए कहा कि काश दोनों मुल्कों के बीच पनपी खाई खत्म हो सके।

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पाकिस्तानी जायरीनों को साबरी गेस्ट हाउस में रखा गया है। यहां पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। खुफिया विभाग ने भी यहां निरागनी बढ़ा दी है। इतना ही नहीं खाने-पीने से लेकर सभी जरूरी चीजों की चे¨कग की जा रही है। एसपी देहात मणिकांत मिश्रा ने भी सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

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क्या कहते हैं जायरीन कलियर आने का पहली बार अवसर मिला है। दस साल से लगातार कोशिश कर रहा था, लेकिन किसी न किसी वजह से परेशानी हो रही थी। कलियर के बारे में जैसा सुना था, उससे कहीं बढ़कर यहां आकर सुकून मिला है।

खादिम हुसैन, फैसलाबाद कलियर पहली बार आए हैं, जबकि अजमेर छह बार जा चुके हैं। हिन्दुस्तान बड़ा भाई है। इसका तहेदिल से स्वागत करते हैं। हिन्दुस्तान में आकर नहीं लगता है कि हम किसी दूसरे मुल्क में आ चुके हैं। कलियर में आए हैं तो दोनों मुल्कों के लिए दुआ करेंगे कि दोनों मुल्क आपस में तरक्की करें, एक दूसरे से मोहब्बत करें।

ताज मोहम्मद, अटक, पंजाब प्रांत

पाकिस्तान में जब से इमरान खान की सरकार बनी है। हालात पहले से बेहतर हुए हैं। दोनों मुल्क की सरहद पर जो तनाव है, वह कम होना चाहिए। दोनों ही सरकारों को इस दिशा में पहल करनी होगी।

मोहम्मद अतिफ मलिक, फैसलाबाद कलियर की जियारत चार बार पहले भी कर चुका हूं। पहली बार पाकिस्तान के जत्थे का लीडर बनने का मौका मिला है। भारत की हुकूमत को वीजा मुक्त करना चाहिए, ताकि वहां के लोग अधिक से अधिक संख्या में यहां आकर जियारत कर सकें। इससे दोनों मुल्कों के बीच भाईचारा एवं आपसी प्रेम बढ़ेगा, साथ ही दोनों देशों के बीच की खटास भी कम हो सकेगी।

अब्दुल गफ्फार फारुखी, टीम लीडर फैसलाबाद


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