अन्न-जल त्याग गंगा रक्षा को तप कर रहे सानंद एम्स में भर्ती
उत्तराखंड की छह नदियों पर जल विद्युत परियोजनाओं के खिलाफ पिछले कर्इ दिनों से अनशन कर रहे स्वामी शिवानंद को एम्स में भर्ती कराया गया।
हरिद्वार, [जेएनएन]: गंगा रक्षा के लिए गत 22 जून से मातृसदन आश्रम में तपस्यारत स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद ने मंगलवार से जल का भी त्याग कर दिया। इसे देखते हुए बुधवार को प्रशासन ने उन्हें फिर ऋषिकेश एम्स में भर्ती करा दिया। इससे पूर्व भी उन्हें एक सप्ताह के लिए एम्स में भर्ती कराया जा चुका है। प्रशासन व चिकित्सकों की टीम उन्हें एंबुलेंस से एम्स ले गई। इससे पहले प्रशासन ने आश्रम व आसपास के क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दी थी।
गंगा पर निर्माणाधीन जल-विद्युत परियोजनाओं को बंद करने, प्रस्तावित परियोजनाओं को निरस्त करने और कोई भी नई परियोजना स्वीकृत न करने समेत वर्ष 2012 में तैयार किए ड्राफ्ट पर गंगा एक्ट बनाने की मांग को लेकर स्वामी सानंद गत 22 जून से तप कर रहे हैं। इस अवधि में वह सिर्फ जल, नमक, नींबू और शहद ले रहे थे। लेकिन, अब उनके जल भी त्याग देने से प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डीएम दीपक रावत के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट मनीष कुमार ङ्क्षसह और सीओ स्वप्न किशोर पुलिस बल के साथ मातृसदन आश्रम पहुंचे। वहां उन्होंने आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद की मौजूदगी में सानंद से ऋषिकेश एम्स में भर्ती होने का आग्रह किया। इस पर स्वामी शिवानंद ने तो अनुमति प्रदान कर दी, लेकिन सानंद चुप्पी साधे रहे। उनका कहना था कि उन्हें किसी तरह के उपचार की जरूरत नहीं है।
हालांकि, एम्स ले जाने का उन्होंने ज्यादा विरोध भी नहीं किया। पुलिस कर्मियों ने उन्हें कुर्सी छोड़कर एंबुलेंस में बैठने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने कुर्सी समेत ले जाने की बात कही। प्रशासन की टीम को उन्हें कुर्सी समेत एंबुलेंस में बैठाना पड़ा। इस दौरान सानंद ने यह भी कहा कि वह कोई उपचार नहीं लेंगे और तप जारी रखेंगे। इसी बीच स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी और स्वामी ऋषिश्वरानंद भी आश्रम में पहुंच गए। लेकिन, उन्होंने सानंद को एम्स ले जाने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
शिवानंद को दिल्ली एम्स में भर्ती कराने की मांग
मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने ऋषिकेश एम्स में सांनद की जान को खतरा बताते हुए उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सानंद मेडिकल अनुसंधान एवं शोध के लिए अपनी देह ऋषिकेश एम्स को दान कर चुके हैं। ऐसे में वहां उनकी जान को खतरा है। स्वामी शिवानंद का यह भी कहना था कि उन्होंने आश्रम में निषेधाज्ञा लगाने के विरुद्ध स्टे लिया हुआ है। बावजूद इसके वहां निषेधाज्ञा लगा दी गई। इसलिए सिटी मजिस्ट्रेट मनीष कुमार सिंह और सीओ स्वप्न किशोर के खिलाफ कोर्ट अवमानना का केस दायर किया जाएगा।
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