राममंदिर निर्माण को बड़ा आंदोलन करेगा संत समाज, देह त्याग से भी नहीं हटेंगे पीछे
राम मंदिर निर्माण जल्द शुरू कराने को लेकर संत बड़ा आंदोलन कर सकते हैं। ये कहना है स्वामी कैलाशनंद ब्रह्मचारी का।
हरिद्वार, जेएनएन दक्षिण कालीमंदिर पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी का कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण जल्द शुरू कराने को लेकर संत बड़ा आंदोलन कर सकते हैं। इसके लिए अयोध्या के साथ ही राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री आवास कूच के विकल्प खुले रखे गए हैं। अंतिम निर्णय इस महीने के आखिर या दिसंबर पहले सप्ताह में प्रस्तावित बैठक में लिया जाएगा।
शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राममंदिर निर्माण में हो रही देरी और केंद्र सरकार की चुप्पी से संतों में आक्रोश है। संत समाज का मानना है कि मंदिर का निर्माण केवल भाजपा सरकार ही करा सकती है लेकिन, सरकार ने साढ़े चार वर्षों में इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाया। सरकार को चाहिए कि वह संतों की भावनाओं को समझे। कहा कि, भाजपा हिन्दुत्व और राममंदिर निर्माण के एजेंडे पर सत्ता में आई है, जिसमें संतों का भी योगदान था। इसलिए सरकार को उसे हर-हाल में पूरा करना चाहिए। महामंडलेश्वर ने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो आम जनता का विश्वास सरकार और संतों दोनों पर से उठ जाएगा।
स्वामी कैलाशानंद ने कहा कि सरकार ने मंदिर निर्माण की बाधाएं जल्द दूर नहीं की तो वह भी स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि की तरह देह त्याग का निर्णय लेने से पीछे नहीं हटेंगे। यही नहीं, उनके बाद अन्य संत भी ऐसा करेंगे। स्वामी सत्यमित्रानंद पांच दिसंबर तक मांग पूरी न होने की स्थिति में छह दिसंबर से हरकी पैड़ी में देह त्याग तक अनशन शुरू करने की घोषणा कर चुके हैं। हरिद्वार में वर्ष 2021 में प्रस्तावित कुंभ में अखाड़ों के शाही स्नान के स्थान के बार में पूछे गए सवाल के जवाब में स्वामी कैलाशानंद ने कहा कि यह अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद को तय करना है।
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