ब्रह्मलीन स्वामी हंसदेवाचार्य की अस्थियां हुर्इं गंगा में विसर्जित
स्वामी हंसदेवाचार्य की अस्थियां कनखल स्थित सती घाट पर गंगा में प्रवाहित कर दी गईं। स्वामी हंसदेवाचार्य के के शिष्य स्वामी अरुण दास और लोकेश दास ने अस्थियां प्रवाहित की।
हरिद्वार, जेएनएन। ब्रह्मलीन संत श्रीमज्जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य की अस्थियां कनखल स्थित सती घाट पर गंगा में प्रवाहित कर दी गईं। स्वामी हंसदेवाचार्य के के शिष्य स्वामी अरुण दास और लोकेश दास ने अस्थियां प्रवाहित की।
ब्रह्मलीन जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य का शुक्रवार को उन्नाव के पास एक सड़क हादसे में निधन हो गया था। शनिवार को हरिद्वार में उनका अंतिम संस्कार किया गया। अस्थि विसर्जन से पूर्व बड़ी संख्या में साधु-संत श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा चौक बाजार कनखल पर एकत्रित हुए और वहां से अस्थि कलश लेकर सती घाट पहुंचे।
इस दौरान योगगुरु बाबा रामदेव, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता बाबा हठयोगी, जयराम आश्रम के प्रमुख स्वामी ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी, महंत रविंद्र पुरी, महंत ज्ञानदेव सिंह महाराज भी उपस्थित थे।
शनिवार को जय श्रीराम के उदघोष और पूरे राजकीय सम्मान के साथ देशभर से जुटे संत-महात्माओं, राजनेताओं और श्रद्धालुजनों ने उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी। खड़खड़ी श्मशान घाट पर स्वामी हंसदेवाचार्य के दो शिष्यों अरुण दास और लवकेश दास उर्फ लोकेश दास ने उन्हें मुखाग्नि दी। इससे पहले तीसरे पहर करीब साढ़े तीन बजे भीमगोड़ा स्थित श्रीजगन्नाथ धाम आश्रम से उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई थी।
यह भी पढ़ें: पंचतत्व में विलीन हुए स्वामी हंसदेवाचार्य, नम आंखों से दी अंतिम विदार्इ
यह भी पढ़ें: नामवर सिंह को पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि, सोशल मीडिया पर शोक की लहर
यह भी पढ़ें: महान आलोचक नामवर सिंह का उत्तराखंड से था गहरा नाता, जनिए