साध्वी अन्नपूर्णा और स्वामी राघवेंद्र बने निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर
पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी ने गुरुवार को हरियाणा की साध्वी अन्नपूर्णा भारती और बैंगलुरू के स्वामी राघवेंद्र भारती को अखाड़े का नया महामंडलेश्वर बनाया है। अखाड़ा पंचों की उपस्थिति में दोनों संतों का पट्टाभिषेक संपन्न हुआ।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी ने गुरुवार को हरियाणा की साध्वी अन्नपूर्णा भारती और बैंगलुरू के स्वामी राघवेंद्र भारती को अखाड़े का नया महामंडलेश्वर बनाया है। अखाड़ा पंचों की उपस्थिति में दोनों संतों का पट्टाभिषेक संपन्न हुआ।
पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी मायापुर हरिद्वार में आयोजित महामंडलेश्वर पट्टाभिषेक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने दोनों संतों को बधाई व आशीर्वाद देते हुए कहा कि अखाड़ा परंपरा के अनुसार योग्य संत को ही महामंडलेश्वर के पद पर नियुक्त किया जाता है। कहा कि संत परंपरा सनातन संस्कृति की वाहक है और गुरु शिष्य परंपरा से ही भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म की पहचान है। श्री अटल अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि ने कहा कि संतों का पूरा जीवन परमार्थ को समर्पित रहता है। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रविद्र पुरी ने कहा कि अखाड़ों की गौरवशाली परंपरा के चलते पूरे विश्व में भारत की विशिष्ट पहचान है। संत महापुरुषों का तप बल विश्व विख्यात होने की वजह से विदेशी श्रद्धालु भक्त भी सनातन संस्कृति को अपना रहे हैं। महामंडलेश्वर बने साध्वी अन्नपूर्णा भारती और बैंगलुरू के स्वामी राघवेंद्र भारती ने कहा कि कुंभ अवसर पर पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी का महामंडलेश्वर पद पर अभिषिक्त होना उनके लिए गौरव की बात है। इस अवसर पर श्रीमहंत रामरतन गिरि, श्रीमहंत दिनेश गिरि, श्रीमहंत ओमकार गिरि, महामंडलेश्वर, साध्वी प्रेमलता गिरि, साध्वी सती गिरि, मंडकनी गिरी, गजानंद गिरि, हरिओम पुरी, विष्णु चेतन्य तीर्थ, स्वामी आनंद गिरि, सतीश वन, रघुवीर गिरि, दिगंबर बलवीर, स्वामी आलोक गिरि, राजपुरी, मां मंसा देवी मंदिर के ट्रस्टी राज गिरि आदि उपस्थित रहे।
महंत शिवपाल दास महाराज बने निर्मोही अखाड़े के महामंडलेश्वर
हरिद्वार: बैरागी कैंप में गुरुवार को निर्मोही अखाड़े में जैनपुर नागदा खालसा के महंत स्वामी शिवपाल दास महाराज का पट्टाभिषेक कर निर्मोही अखाड़े का महामंडलेश्वर नियुक्त किया गया। इस मौके पर अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अणि अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि संत परंपरा सनातन संस्कृति की वाहक है और भारत के संतों ने देश का जो स्वरूप विश्व पटल पर प्रस्तुत किया है, वह अविस्मरणीय है। कहा कि संतों का कार्य सदैव समाज में सद्भाव का वातावरण बनाकर कर सन्मार्ग की प्रेरणा देना होता है। संत हमेशा ही अपने भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। अखिल भारतीय श्रीपंच निर्वाणी अणि अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज एवं अखिल भारतीय श्रीपंच दिगंबर अणि अखाड़े के श्रीमहंत कृष्णदास महाराज ने कहा कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है और धर्म एवं संस्कृति की रक्षा के लिए संतों ने हमेशा ही अग्रणी भूमिका निभाई है। महामंडलेश्वर सांवरिया बाबा ने कहा कि संतों के तपोबल से भारत की पूरे विश्व में एक अलग पहचान है और गुरु-शिष्य परंपरा भारत को महान बनाती है। नवनियुक्त महामंडलेश्वर स्वामी शिवपाल दास महाराज ने कहा कि जो दायित्व उन्हें वैष्णव समाज ने सौंपा है, उसका वह पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करते हुए धर्म एवं संस्कृति की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहेंगे। इस अवसर पर श्रीमहंत दिलीप दास महाराज, महेंद्र भाई झा, महंत रामदास महाराज, महंत गौरीशंकर दास महाराज, महंत रासबिहारी दास काठियाबाबा समेत अनेक साधु संत मौजूद रहे।