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15 मार्च तक करनी होगी डीईओ के खिलाफ जांच

जिला शिक्षाधिकारी प्रारंभिक ब्रह्मपाल सिंह सैनी के खिलाफ जांच कर रहे माध्यमिक शिक्षा अपर निदेशक को अब 15 मार्च तक जांच पूरी करनी होगी। जिसके लिए उन्हें दो दिन पहले ही निदेशालय से आदेश जारी किए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Mar 2020 06:19 PM (IST)Updated: Fri, 06 Mar 2020 06:10 AM (IST)
15 मार्च तक करनी होगी डीईओ के खिलाफ जांच
15 मार्च तक करनी होगी डीईओ के खिलाफ जांच

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: जिला शिक्षाधिकारी प्रारंभिक ब्रह्मपाल सिंह सैनी के खिलाफ जांच कर रहे माध्यमिक शिक्षा अपर निदेशक को अब 15 मार्च तक जांच पूरी करनी होगी। जिसके लिए उन्हें दो दिन पहले ही निदेशालय से आदेश जारी किए। आदेशों पर कार्रवाई करते हुए उन्होंने डीईओ माध्यमिक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

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बता दें रुड़की विकास खंड रहमतपुर के पदम कुमार ने डीईओ प्रारंभिक शिक्षा ब्रह्मपाल सिंह सैनी पर 18 बिदुओं पर आरोप लगाकर शासन से शिकायत की थी। जिसके क्रम में शासन ने अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मंडल एमएस बिष्ट को जांच करने के आदेश दिए थे

इन आरोपों पर होंगी जांच :

शिकायतों में डीईओ प्रारंभिक शिक्षा पर आरोप लगाया है कि वह अपने गृह जनपद हरिद्वार में ही तैनात है जो कि शासनादेश के विपरीत है। साथ ही उन पर शिक्षकों के ट्रांसफर, पोस्टिंग और समायोजन के नाम पर धन उगाही का आरोप है। इसको देखते हुए अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा एमएस बिष्ट ने बुधवार को डीईओ प्रारंभिक शिक्षा को नोटिस देकर उनसे आरोपों पर बिदुवार जवाब देने का आदेश दिया है।

अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा एमएस बिष्ट का कहना है शिकायत 18 बिदुओं पर है। बिदुवार इसकी जांच के क्रम में डीईओ से भी जवाब मांगा है। कार्यालय में दस्तावेजों की भी पड़ताल कर रहे हैं। 15 मार्च तक जांच पूरी कर रिपोर्ट शिक्षा निदेशक व शासन को भेजी जाएगी। उन्होंने बताया कि मामले में शिकायतकर्ता ने हाईकोर्ट में भी रिट दाखिल की है।

शिक्षक के इशारे पर कर रहे परेशान:

वहीं डीईओ प्रारंभिक शिक्षा ब्रह्मपाल सिंह सैनी ने कहा शिकायत दुर्भावना से प्रेरित है। एक शिक्षक को अनियमितता के आरोप में निलंबित किया था। उसी शिक्षक के इशारे पर लोग जानबूझकर उनको परेशान करने के लिए शिकायत कर रहे हैं। पूर्व में भी एक सहायक अध्यापक जितेंद्र सिंह ने इन्हीं बिदुओं पर शिकायत की थी। जिसमें जांच में तत्कालीन जांच समिति के शामिल अपर निदेशक प्रारंभिक शिक्षा, सीईओ हरिद्वार और वित्त अधिकारी माध्यमिक शिक्षा निदेशालय देहरादून में उनके खिलाफ शिकायतों को निराधार पाया था। इसके बाद दूसरे लोगों से शिकायत कराकर उनको परेशान किया जा रहा है।


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