किसानों को धान ने दिया जोर का झटका
कृषि बिल को लेकर आग बबूला किसानों को इस बार बाजार ने जोर का झटका दिया है।
जागरण संवाददाता, रुड़की: कृषि बिल को लेकर आग बबूला किसानों को इस बार बाजार ने जोर का झटका दिया है। पिछले साल की तुलना में धान के रेट में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है। सरकारी से बेहद कम दाम पर किसान अपना धान बेचने को मजबूर हैं।
जिले में इस समय धान की कटाई शुरू हो गई है। मोटा धान से लेकर बासमती तक की कटाई कर रहे किसानों पर इस बार बाजार ने बिजली गिरा दी है। पिछले साल धान के रेट को लेकर उत्साहित किसानों ने इस बार बड़े पैमाने पर धान की खेती की है। जिले में करीब बीस हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की रोपाई की गई। अन्य वर्षों की तुलना में धान की फसल भी अच्छी रही है। इस बार फसल में रोग आदि कम ही लगा है। साथ ही बीच-बीच में बारिश होने के चलते पैदावार अच्छी हुई है लेकिन, अब फसल कटने के बाद जो रेट बाजार में है, उससे किसानों की नींद उड़ी हुई है। किसान राजबीर सिंह, सतेन्द्र मलिक, महकार सिंह, प्रधान सईद आदि ने बताया कि धान के दाम सुनकर ही किसानों का दिल बैठ जा रहा है। किसान की मजबूरी है कि औने-पौने दाम में धान बेचना पड़ रहा है। वहीं व्यापारी दीपक कुमार, राज सिंह आदि ने बताया कि पंजाब एवं हरियाणा की मंडी में मोटे धान की मांग नहीं के बराबर है। इस बार धान के रेट में जबरदस्त कमी आई है। धान के रेट
प्रजाति, वर्ष 2019, वर्ष 2020
मोटा धान, 1850, 1250
1509, 2700, 1600
तुडल बासमती, 2400, 1800
1121, 3000, 1900
सरबती, 2000, 1400
नोट- दाम रुपये प्रति क्विंटल में अभी तक चालू नहीं हुए खरीद केंद्र
प्रदेश सरकार की ओर से इस बार धान का समर्थन मूल्य घोषित कर दिया है। सामान्य धान के दाम 1868 रुपये घोषित किए गए है। जबकि ग्रेड धान के रेट 1888 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किए हैं। सरकार ने दावा किया है कि जिले में एक अक्टूबर से धान खरीद केंद्र शुरू हो जाएंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घोषणा की है कि किसानों का पंजीकरण करने के बाद धान की खरीद होगी। इस बार धान की खरीद में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। साथ ही किसानों का भुगतान भी समय से होगा। तीन दिन पहले ही शासन स्तर पर इस संबंध में बैठक भी हो चुकी है।