जंगल से पंचवटी लौटे राम व लक्ष्मण हुए दुखीे
जागरण संवाददाता रुड़की आदर्श शिवाजी नगर में आयोजित रामलीला के सातवें दिवस की लीला के
जागरण संवाददाता, रुड़की: आदर्श शिवाजी नगर में आयोजित रामलीला के सातवें दिवस की लीला के प्रथम दृश्य में दिखाया गया कि प्रभु राम और लक्ष्मण किसी अनहोनी के भय से वन से वापस पंचवटी लौटते हैं। वहां सीता माता को न पाकर विलाप करते हुए जंगल में इधर-उधर भटकते हैं। इस दौरान दोनों भाईयों को देखकर मौजूद दर्शकों की आंखे भी छलक आई।
रामलीला मंचन के दौरान घायल जटायु भगवान राम को बताते हैं कि रावण सीता का हरण करके ले गया है। इसके बाद जटायु की ओर से बताई गई दिशा में होते हुए श्रीराम-लक्ष्मण ऋष्यमूक पर्वत पर पहुंचते हैं। जहां सुग्रीव अपने भ्राता बाली के डर से छिपे रहते हैं, जबकि हनुमान सुग्रीव के साथ उनकी रक्षा के लिए रहते हैं। वहीं श्रीराम-लक्ष्मण के आते ही उन्हें इस बात का भय हो जाता है कि कहीं वे बाली की ओर से भेजे गए शत्रु तो नहीं हैं। इसलिए सुग्रीव हनुमान को उनका परिचय लेने के लिए भेजते हैं। जब हनुमान को पता चलता है कि वे वनवासी नारायण के अवतार श्रीराम हैं तो हनुमान खुशी से झूम उठते हैं और श्रीराम के भक्त बन जाते हैं। इसके बाद हनुमान सुग्रीव के जंगल में छिपे होने की सारी व्यथा श्रीराम को बताते हैं। श्रीराम और सुग्रीव का मिलन होता है और श्रीराम सुग्रीव को बाली से छुटकारा दिलाने के लिए वचन देते हैं। युद्ध के दौरान श्रीराम बाली का वध करते हैं। वहीं सुग्रीव का राज्याभिषेक होता है। इस मौके पर शिव सिंह रावत, गौर सिंह भंडारी, रंजीत सिंह रावत, राकेश भट्ट, पुष्कर सिंह तोमर, बच्ची राम कुंडलिया, बसंती चमोली, पारेश्वर प्रसाद लखेड़ा, पूर्णचंद डोबरियाल, श्याम सिंह पंवार, जगमोहन सिंह रावत, विमला बौखंडी, शिवचरण बिजोला, धर्म सिंह भंडारी, विमला चौहान, संतोषी राणा, देवेश्वरी गुसाईं, मंजू रावत, रामेश्वरी पंवार, सतीश नेगी, शिशुपाल सिंह बिष्ट, जयवीर सिंह रावत, आदि मौजूद रहे।