Baba Ramdev: बहनों ने योगगुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को बांधा रक्षा सूत्र
Raksha Bandhan 2022 पतंजलि योगपीठ में रक्षा बंधन और श्रावणी उपाकर्म धूमधाम से मनाया गया। बहनों ने योगगुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को रक्षा सूत्र बांधा । योगगुरु ने देशवासियों से विदेशी वस्तुओं को त्यागकर स्वदेशी वस्तुएं अपनाने का आग्रह किया।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: Raksha Bandhan 2022: रक्षा बंधन का त्योहार पंतजलि योगपीठ में धूमधाम से बनाया गया। बहनों ने योगगुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को रक्षा सूत्र बांधकर आशीर्वाद प्राप्त किया। योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि आज से योगगुरु, आचार्य और पूरा पतंजलि योगपीठ हर दिन हर एक बहन के स्वास्थ्य रक्षा, धर्म रक्षा से लेकर राष्ट्र रक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
देशवासियों से स्वदेशी वस्तुएं अपनाने का आग्रह
योगगुरु ने देशवासियों से विदेशी वस्तुओं को त्यागकर स्वदेशी वस्तुएं अपनाने का आग्रह किया। आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि आज के दिन बहनें अपने भाइयों के हाथों में रक्षा सूत्र बांधती हैं।
- यही भाव प्रत्येक देशवासियों के भाइयों के मन में हर माता और बहनों के प्रति आ जाए तो देश में होने वाले जितने भी गलत कृत्य हैं वह समाप्त हो जाएंगे।
- उन्होंने कहा कि आज श्रावणी उपाकर्म का भी दिन है। जो यज्ञोपवीत का भी प्रतीकात्मक है।
सक्षम व्यक्ति ही निर्बल की सहायता करता
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि सक्षम व्यक्ति ही निर्बल की सहायता करता है। गुरु सदैव अपने शिष्यों की रक्षा करने के लिए सक्षम होते हैं। भाई को भी बहनों की रक्षा के लिए सक्षम माना जाता है।
- हर घर तिरंगा घर-घर तिरंगा का अभियान चल रहा है जो हमारे राष्ट्र और गौरव का प्रतीक है।
साघ्वी देवप्रिया, ऋतंभरा, बहन रेणु, अंशुल, पारूल, साधना, साध्वी देवमयी, साध्वी देवसुधा ने योगगुरु और आचार्य को रक्षा सूत्र बांधकर आशीर्वाद प्राप्त किया। वैदिक गुरुकुलम के विद्यार्थियों को यज्ञोपवीत भी धारण कराया गया।
रुड़की: बहनों ने भाइयों की कलाई पर बांधी राखी, दीर्घायु की कामना
भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बहनों ने भाइयों की कलाई पर रंग-विरंगी और सुंदर राखियां बांधी। साथ ही भाइयों के खुशहाल जीवन और उनकी दीर्घायु की कामना की।
रक्षाबंधन के पर्व का बहनों और भाइयों को बेसब्री से इंतजार था। गुरुवार को उनकी यह प्रतीक्षा खत्म हुई और भाई-बहनों ने मिलकर राखी का त्योहार मनाया। हालांकि 11 और 12 अगस्त दो दिन पूर्णिमा होने और भद्रा के साये के चलते इस साल रक्षाबंधन का पर्व मनाने की तिथि को लेकर नागरिकों में दुविधा भी देखने को मिली।
वैसे अधिकांश भाई-बहन ने गुरुवार को ही रक्षाबंधन का पर्व मनाया। ऐसे में सुबह से ही भाई-बहनों में इस त्योहार को लेकर उत्साह देखने को मिला। बहनों ने भाई के माथे पर तिलक लगाया और कलाई पर रंग-विरंगी और आकर्षक राखी बांधी।
छोटे बच्चों में रक्षाबंधन को लेकर अधिक उत्साह देखने को मिला। उधर, रक्षाबंधन के पर्व के चलते शहर के बाजारों में भी भीड़भाड़ देखने को मिली। बाजारों में जगह-जगह सजे राखी के स्टाल से बहनें राखी खरीदती हुई भी नजर आई। वहीं मिष्ठान की दुकानों पर नागरिकों की भीड़ रही।
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