प्रशासन ने किया होटल रेडिसन ब्ल्यू को सील
गंगा में गंदगी फैलाने पर रविवार को जिला प्रशासन ने होटल रेडिसन ब्ल्यू को सील करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। नेशनल ग्रीन टिब्यूनल के निर्देश पर जिला प्रशासन व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड संयुक्त रूप से होटल के खिलाफ यह कार्रवाई कर रहा है।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। गंगा में गंदगी फैलाने पर रविवार को जिला प्रशासन ने होटल रेडिसन ब्ल्यू को सील कर दिया। नेशनल ग्रीन टिब्यूनल के निर्देश पर जिला प्रशासन व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने संयुक्त रूप से होटल के खिलाफ यह कार्रवाई करीब डेढ़ घंटे में पूरी की।
हरिद्वार के सिडकुल स्थित पांच सितारा इस होटल में दोपहर करीब 12 बजे उपजिलाधिकारी वीर सिंह वीर सिंह के नेतृत्व में प्रशासन की टीम होटल को सील करने पहुंची। इस दौरान होटल में कुछ यात्री भी मौजूद थे।
होटल मैनेजमेंट ने प्रशासन से होटल खाली करने के लिए कुछ समय की मोहल्लत भी मांगी, लेकिन एसडीएम ने इन्कार कर दिया।
जिला प्रशासन की टीम ने होटल के कमरों में ताले जड़ने शुरू कर दिए। साथ ही होटल की बिजली भी काट दी गई। इस दौरान होटल की लिफ्ट में कुछ यात्री भी फंस गए। इस पर जेनरेटर से लिफ्ट चालू कर उन्हें निकाला गया। होटल में रह रहे करीब दो सौ यात्रियों को बाहर निकाला गया। साथ ही होटल में जो बाहर से यात्री आ रहे थे, उन्हें प्रशासन की टीम ने गेट पर ही रोक दिया। प्रशासन ने होटल के कमरों के साथ ही मुख्य प्रवेश द्वार पर भी ताला जड़ने के बाद उसे सील कर दिया।
दरअसल, सितंबर 2014 में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने होटल रेडिसन ब्ल्यू को बिना किसी ट्रीटमेंट के होटल के सीवरेज व अन्य गंदे पानी को गंगा में बहाने पर नोटिस दिया था। होटल प्रबंधन बोर्ड ने नोटिस के बाद सुधार के बजाय मामले की सीधे एनजीटी में अपील की। करीब एक वर्ष तक चले प्रकरण में एनजीटी ने 15 मई को होटल बंद करने के आदेश दिए थे।
जिला प्रशासन ने एनजीटी के इस आदेश को गंभीरता से नहीं लिया। इस पर एनजीटी ने 22 मई को जिलाधिकारी हरिद्वार हरीश चंद्र सेमवाल को व्यक्तिगत रूप से एनजीटी में पेश होने के आदेश दिए थे। इसके बाद आनन फानन जिलाधिकारी ने शनिवार को होटल रेडिसन ब्ल्यू को बंद करने के आदेश जारी कर दिए।
इसी आदेश के तहत होटल सील करने की कार्रवाई की गई । बताया जा रहा है कि एनजीटी ने हरिद्वार में गंगा में गंदगी फैला रहे आश्रमों, होटलों और अन्य संस्थाओं को लेकर पिछले दिनों दी गई रिपोर्ट पर कई विभागों को फटकार भी लगाई है।
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