जच्चा-बच्चा को रोकने के मामले में कार्रवाई की मांग
संवाद सूत्र, लक्सर : गर्भवती महिला को आशा कार्यकर्ता के माध्यम से प्रसव के लिए निजी अस्पताल ले जाने
संवाद सूत्र, लक्सर : गर्भवती महिला को आशा कार्यकर्ता के माध्यम से प्रसव के लिए निजी अस्पताल ले जाने और वहां पर प्रसव के बाद अस्पताल प्रबंधन के बिल भुगतान न करने पर जच्चा-बच्चा को डिस्चार्ज न करने के मामले में प्रसूता के परिजनों ने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री आदि को शिकायत कर कार्रवाई की मांग की।
बालावाली गांव निवासी सतपाल ने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, जिलाधिकारी को इस संबंध में शिकायत की है। आरोप है कि उसकी उनकी पुत्रवधू को प्रसव पीड़ा होने पर नौ सितंबर को आशा कार्यकर्ता ने सीएचसी के बजाय उसे सोसायटी मार्ग पर स्थित निजी नर्सिग होम में भर्ती करा दिया। जहां से हालात बिगड़ने पर उसे हरिद्वार ले जाया गया। प्रसव कराने के बाद वापस लक्सर लाया गया। इस दौरान उससे 13 हजार रुपये पहले जमा कराए गए। बाद में उसने जब अपनी पुत्रवधू को घर ले जाने की बात की तो नर्सिंग होम संचालक ने 32 हजार रुपये का बिल थमा दिया। कहा पूरा भुगतान होने के बाद ही जच्चा-बच्चा को भेजने की बात कही। उपजिलाधिकारी से शिकायत करने और बिल भुगतान करने के बाद ही जच्चा-बच्चा को घर जाने दिया। सतपाल और चिह्नित राज्य आंदोलनकारी समिति के जिला महामंत्री धर्मपाल भारती ने शिकायत में आरोप लगाया कि लक्सर सीएचसी के प्रभारी, आशा, एएनएम तथा निजी अस्पताल प्रबंधन की मिलीभगत से प्रसुताओं का शोषण किया जाता है। वहीं सीएचसी प्रभारी गोपाल गुप्ता ने खुद के ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया।