जा रहे थे गोपनीय जांच पर, अफसर सेल्फी से कर रहे फेसबुक अपडेट
हरिद्वार जिले की पुलिस को सेल्फी का शौक भारी पड़ सकता है। दरअसल पुलिस टीम के सदस्यों ने जांच के दौरान की तस्वीरे सोशल मीडिया पर शेयर की, जिसे लेकर कड़ी कार्रवार्इ हो सकती है।
हरिद्वार, [जेएनएन]: कहते हैं पुलिस अपराधियों से तेज दौड़ती है और अपराधियों को पकड़ने की कार्रवाई की किसी को भनक तक नहीं लगने देती, लेकिन हरिद्वार में कहानी उल्टी ही नजर आ रही है। यहां 42 लाख की ठगी जैसे गंभीर मसले पर हरिद्वार पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है। दरअसल, सेल्फी के शौक में ज्वालापुर और क्राइम इन्वेस्टिगेशन यूनिट के सदस्यों ने अपराधियों की धरपकड़ के लिए की जाने वाली गोपनीय कार्रवाई को सोशल मीडिया पर सार्वजनिक कर डाला।
दरअसल एक हफ्ते पहले ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्रांतर्गत आइसीआइसीआइ बैंक से टप्पेबाज 42 लाख की धनराशि से भरा बैग लेकर फरार हो गए थे। बैंक में दो गनरों की मौजूदगी के बावजूद टप्पेबाजों ने इस घटना को अंजाम दिया।
इस घटना से बैंक की सुरक्षा पर सवाल उठे थे। हरकत में आर्इ पुलिस ने कैश जमा करने आए श्यामपुर कांगड़ी निवासी सुनील को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी, लेकिन पुलिस को कुछ सफलता नहीं मिल सकी।
इस बीच पुलिस को जानकारी मिली कि बैंकों में टप्पेबाजी की वारदात करने वाला गिरोह मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में सक्रिय है। जांच में पुलिस को पता चला कि मध्य प्रदेश के भोपाल में दो अपराधी ऐसे हैं, जो ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र से आपराधिक मामलों में जेल जा चुके हैं और मध्य प्रदेश सरकार ने उन पर 50 हजार का इनाम भी घोषित किया है।
इस जानकारी पर एसएसपी कृष्णकुमार वीके के निर्देश पर ज्वालापुर कोतवाली निरीक्षक अमरजीत, क्राइम इंवेस्टिगेशन यूनिट के प्रभारी गिरीशचंद शर्मा के नेतृत्व में तीन पुलिस टीमें दिल्ली, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश रवाना की गई। जांच के लिए पुलिस टीम हरिद्वार से जौलीग्रांट पहुंची थी, एयरपोर्ट से पुलिस ने हवाई जहाज से सफर किया।
पुलिस टीम के रवाना होने की जानकारी को थाना और कोतवाली स्तर पर सार्वजनिक नहीं किया गया, लेकिन फेसबुक पर पुलिसकर्मियों ने हवाई जहाज और एयरपोर्ट पर इंतजार करने की सेल्फी अपलोड कर दीं। फोटो अपलोड करते ही जान पहचान वालों ने कमेंट करने शुरू कर दिए। एसपी क्राइम प्रकाश चंद के मुताबिक मामला गंभीर है और पुलिस टीम को ऐसा नहीं करना चाहिए। यह जानकारी गोपनीय होती है, जिसे सार्वजनिक नहीं करना चाहिए। मामले की जांच की जाएगी और लापरवाही पर कार्रवाई होगी।
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