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कई मामले जांच में उलझे, कुछ में पुलिस ने छोड़ी उम्मीद

जागरण संवाददाता, रुड़की: थानों और कोतवाली में अफसर बदले, विवेचक बदले, फाइल इस थाने से दू

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 09:09 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 09:09 AM (IST)
कई मामले जांच में उलझे, कुछ में पुलिस ने छोड़ी उम्मीद
कई मामले जांच में उलझे, कुछ में पुलिस ने छोड़ी उम्मीद

जागरण संवाददाता, रुड़की: थानों और कोतवाली में अफसर बदले, विवेचक बदले, फाइल इस थाने से दूसरे थाने में घूमती रही, इसके बावजूद कई मामले राज बनकर रह गए हैं। कुछ मामलों में तो पुलिस के उम्मीद छोड़ने पर एफआर लगाकर फाइल बंद कर दी गई। जबकि हत्या के कई मामले जांच और बयान में उलझकर रह गए हैं। धूल फांक रहे मामलों का जवाब देने को कोई भी तैयार नहीं है।

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दिन, माह और साल बदलते जा रहे हैं, लेकिन कई अपराधों से पुलिस पर्दा नहीं उठा सकी है। ऐसे में कई हत्याकांड पुलिस के गले की फांस बनकर रह गए हैं। पुलिस अफसर भी नाकामी छिपाने के लिए कभी विवेचक बदलते रहे तो कभी हत्या की फाइल इस थाने से दूसरे थाने भेजते रहे। जांच के नाम पर पुलिस अधिकारी फाइल मोटी करते रहे। पर इसका नतीजा आज तक नहीं निकला। परिजन भी इंसाफ की आस में इस थाने से दूसरे थाने और अधिकारियों के कार्यालय भटकते रहे, लेकिन कई मामलों में प्रगति एक इंच तक आगे नहीं बढ़ सकी। भगवानपुर क्षेत्र के दो दोहरे हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में पुलिस नाउम्मीद हो गई है। जिसके चलते पुलिस ने दोनों दोहरे हत्याकांड में फाइनल रिपोर्ट लगाकर फाइल ही बंद कर दी है। जबकि रुड़की, मंगलौर और कलियर क्षेत्र में हुई हत्या के आधा दर्जन से अधिक मामले ठंडे बस्ते में हैं।

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केस एक- भगवानपुर के डाडा पट्टी गांव में साधुराम और पत्नी शिमला की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में चार विवेचक जांच कर चुके। 24 अप्रैल 2013 को इस मामले की जांच सीबीसीआइडी को दी गई। थक हारकर पुलिस ने 18 सितंबर 2014 को फाइनल रिपोर्ट लगाकर फाइल बंद कर दी थी।

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केस दो- भगवानपुर थाना क्षेत्र के खेड़ी शिकोहपुर गांव में दो सितंबर 2015 को नूर (50) और शारिक (14) की गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में तीन विवेचक ने जांच की। इस मामले में भी पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी है।

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केस तीन- 31 मई 2018 में मंगलौर के गदरजुड़ा गांव में हुए हत्या के मामले में दो विवेचक बदल चुके हैं। इस मामले की सबसे पहले जांच इंस्पेक्टर मंगलौर गिरीश चंद शर्मा ने की थी। मामला नहीं खुला तो जांच एसआइएस को भेजी गई। अब इस मामले की जांच सिविल लाइंस कोतवाली के एसएसआइ अभिनव शर्मा को दी गई है। यह हत्याकांड अभी तक राज बना हुआ है।

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केस चार-10 दिसंबर 2018 को सहकारी समिति के लिपिक शिवदासपुर तेलीवाला निवासी ¨प्रस सैनी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले की जांच इंस्पेक्टर गंगनहर प्रदीप बिष्ट कर रहे हैं। इस मामले मेकं अब तक 17 लोगों से पूछताछ हो चुकी है, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात है।

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इन मामलों में भी हाथ खाली

- वर्ष 2015 में भगवानपुर थाना क्षेत्र की मंडावर पुलिस चेक पोस्ट के पीछे बाग में अज्ञात महिला की हत्या कर शव फेंकने का मामला।

- वर्ष 2015 में कलियर स्थित पुरानी गंगनहर से महिला का हाथ पैर बंधा शव मिलने का मामला

- 10 जनवरी 2019 को रहमतपुर के जंगल में हत्या कर नलकूप पर शव लटकाने का मामला

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- भले ही कुछ मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगी हो, लेकिन पुलिस की जांच जारी रहती है। हत्या के जो मामले लंबित हैं, उनमें पुलिस की जांच चल रही है। पुलिस को हत्या के कुछ मामलों में सुराग हाथ लगे हैं। इनके आधार पर शीघ्र ही हत्या के राज से पर्दा हटाया जाएगा।

-चंदन ¨सह बिष्ट, पुलिस क्षेत्राधिकारी


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