Uttarakhand scholarship scam: समाज कल्याण विभाग का कंप्यूटर ऑपरेटर पत्नी सहित गिरफ्तार
एसआइटी ने समाज कल्याण विभाग के एक कंप्यूटर ऑपरेटर और उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया।
हरिद्वार, जेएनएन। छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआइटी ने रविवार को समाज कल्याण विभाग के एक कंप्यूटर ऑपरेटर को पत्नी समेत गिरफ्तार कर लिया। पति-पत्नी ने रुड़की के पनियाला गांव में हिमाचल प्रदेश की मानव भारती यूनिवर्सिटी का फर्जी स्टडी सेंटर खोला हुआ था। वर्ष 2013-14 में दोनों ने समाज कल्याण विभाग से करीब 16.69 लाख रुपये की छात्रवृत्ति लेकर गबन कर लिया। रविवार दोपहर कोर्ट में पेश करने के बाद दोनों को जेल भेज दिया गया।
हरिद्वार और देहरादून जिले में हुए छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआइटी की ओर से हरिद्वार के सिडकुल थाने में 14 अक्टूबर 2019 को मानव भारती यूनिवर्सिटी सोलन हिमाचल प्रदेश के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसकी जांच उपनिरीक्षक राजीव उनियाल को सौंपी गई। जांच के दौरान पता चला कि मानव भारती यूनिवर्सिटी के स्टडी सेंटर के रूप में रुड़की के तांसीपुर गांव में चलने वाले किरन इंस्टीट्यूट ने वर्ष 2013-14 में करीब 16.69 लाख रुपये की छात्रवृत्ति ली है। जबकि, यूनिवर्सिटी ने ऐसे किसी सेंटर को मान्यता नहीं दी है। सेंटर के दस्तावेज फर्जी पाए जाने पर टीम ने छात्रवृत्ति लेने वाले 21 छात्र-छात्राओं के घर जाकर उनसे संपर्क साधा।
छात्र-छात्राओं का कहना था कि उन्होंने कभी इंस्टीट्यूट में दाखिला ही नहीं लिया है और उन्हें कोई छात्रवृत्ति नहीं मिली। एसआइटी ने गहन पड़ताल की तो पता चला कि छात्रवृत्ति की रकम इंस्टीट्यूट संचालिका किरन व उसके पति सुभाष के संयुक्त खाते में पहुंची है। सुभाष समाज नारसन ब्लॉक में कल्याण विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर है। एसआइटी की एक टीम ने रविवार सुबह तांसीपुर गांव में दबिश देकर पति-पत्नी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने दोनों को जेल भेज दिया है। एसआइटी प्रभारी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि दोनों ने मानव भारती यूनिवर्सिटी के फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर छात्रवृत्ति की रकम हड़पी है। पति-पत्नी के साथ फर्जीवाड़े में और कौन-कौन लोग शामिल हैं, इसकी जानकारी भी जुटाई जा रही है। जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां भी की जाएंगी।
मुफ्त कोर्स का झांसा देकर लिए दस्तावेज
सुभाष ने पत्नी के साथ मिलकर अपने विभाग को ही 16.69 लाख रुपये की चपत लगा दी। इंस्टीट्यूट में रुड़की, मंगलौर और आसपास के छात्र-छात्राओं को अध्ययनरत दिखाया गया। एसआइटी की पूछताछ में छात्रों ने बताया कि उन्हें मुफ्त कोर्स कराने का झांसा देकर दस्तावेज लिए गए थे। चेकबुक पर भी हस्ताक्षर कराए गए थे। लेकिन, बाद में सेंटर बंद हो गया। उन्हें यह बताया गया कि मुफ्त कोर्स कराने की स्कीम खत्म हो गई है। उधर, इन छात्र-छात्राओं के दस्तावेजों का इस्तेमाल कर समाज कल्याण विभाग से प्रति छात्र 85 हजार रुपये छात्रवृत्ति के तौर पर लेकर हजम कर लिए गए।
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पहले से सुर्खियों में रही है यूनिवर्सिटी
हिमाचल प्रदेश के सोलन स्थित मानव भारती यूनिवर्सिटी पहले से सुर्खियों में रही है। इसके बावजूद समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने छात्रवृत्ति की रकम जारी करने से पहले जांच-पड़ताल करना मुनासिब नहीं समझा। सुभाष और उसकी पत्नी किरन ने यूनिवर्सिटी के नाम से फर्जी दस्तावेज लगाकर बड़ी आसानी से छात्रवृत्ति की रकम हड़प ली। सूत्र बताते हैं कि विभाग के कुछ और कर्मचारियों को भी इस रकम का हिस्सा मिला है। ऐसे छह नाम एसआइटी जांच के दायरे में हैं।
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