बस्ती उजाड़ने के विरोध में हुए लामबंद लोग
संवाद सूत्र, लालढांग : ¨सचाई विभाग उत्तराखंड की ओर से चार सप्ताह के अंदर बस्ती खाली कराने का
संवाद सूत्र, लालढांग : ¨सचाई विभाग उत्तराखंड की ओर से चार सप्ताह के अंदर बस्ती खाली कराने का नोटिस देने के बाद बस्ती वासी विभाग के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। बस्तीवासियों का कहना है कि राज्य सरकार ने कोर्ट से अग्रिम आदेश तक मलिन बस्तियों को खाली नहीं कराने का प्रार्थना पत्र दिया है। लिहाजा कोर्ट के आदेश के बाद ही नोटिस आना चाहिए।
हरिद्वार शहर से सटे चंडी घाट बस्ती में हजारों लोग कई वर्षो से रह कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। इन लोगों का बकायदा राशन कार्ड, वोटर कार्ड, आधार कार्ड और ये लोग कई वर्षो से वोट भी देते आए हैं। लेकिन अब ¨सचाई विभाग के नोटिस के बाद इन लोगों का जीना मुहाल हो गया है। दरअसल, ¨सचाई विभाग ने नोटिस देकर चार सप्ताह के भीतर चंडीघाट की सपेरा बस्ती, दयालपुरी, कुष्ठ आश्रम, बजरी बस्ती, पूरी नगर और खत्ता बस्तियों को खाली कराने का निर्देश दिया है। नोटिस मिलने के बाद बस्ती वासी ¨सचाई विभाग के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। रविवार को बस्ती वासियों ने कांग्रेसी नेता गुरजीत लहरी के नेतृत्व में एक बैठक कर ¨सचाई विभाग के खिलाफ बिगुल बजाने का निर्णय लिया है। बस्ती वासियों का कहना है कि राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ¨सह रावत ने पिछले दिनों मलिन बस्तियों को भूमिधरी हक देने की मंशा जाहिर करते हुए कोर्ट से ऐसी बस्तियों को तब तक खाली नहीं कराने का प्रार्थना पत्र दिया गया है, जब तक कि उन्हें कई अन्य स्थानों पर विस्थापित नहीं किया जाता है। बस्तीवासियों का कहना है कि पिछले कई वर्षो से वो लोग यहां रह रहे हैं। बताया कि महाकुंभ जैसे विशाल पर्व पर भी मेलाधिकारी की ओर से सीमांकन कर उनकी बस्ती को उजड़ा नहीं गया है। अब ¨सचाई विभाग मनमाना रवैया अपना गरीबों के ऊपर से सर ढकने की जगह भी छीनना चाहती है। कांग्रेसी नेता गुरजीत लहरी ने बताया कि ¨सचाई विभाग के अधिकारियों से जल्द मुलाकात कर नोटिस के बारे में बात की जाएगी। बैठक में पूर्व प्रधान नंदराम, संतोष सेमवाल, हरपाल ¨सह, मीरा शर्मा, रत्ना देवी,बल¨जदर ¨सह, राजेश सैनी उपस्थित रहे।