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Baba Ramdev on Coronil: खत्म हुआ कोरोनिल विवाद, अब नाम और लेबल बदलकर बिकेगी बाबा की बूटी

HIGHLIGHTS Baba Ramdevs press confrenece on coronil पत्रकार वार्ता के दौरान योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि ड्रग माफिया चाहता था कि कोरोनिल और श्वासारी बैन हो।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 12:06 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 09:32 PM (IST)
Baba Ramdev on Coronil: खत्म हुआ कोरोनिल विवाद, अब नाम और लेबल बदलकर बिकेगी बाबा की बूटी
Baba Ramdev on Coronil: खत्म हुआ कोरोनिल विवाद, अब नाम और लेबल बदलकर बिकेगी बाबा की बूटी

हरिद्वार, जेएनएन। HIGHLIGHTS Baba Ramdevs press confrenece on coronil कोरोना की दवा बनाने के पतंजलि के दावों पर आयुष मंत्रालय और उत्तराखंड आयुष विभाग की ओर से दिव्य फार्मेसी को भेजे नोटिस के मामले का पटाक्षेप हो गया है। पतंजलि ने कोरोना किट लेबल को संशोधित कर दिव्य श्वसारि कोरोनिल किट नाम से दवा को बाजार में उतार दिया है। इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में तीन औषधि कोरोनिल टैबलेट, श्वसारि वटी और अणु तेल को बाजार में उतारा गया है। जल्द इन दवाओं की ऑर्डर मी एप के जरिये होम डिलीवरी भी शुरू हो जाएगी।

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पतंजलि योगपीठ फेज दो में बुधवार को आयोजित प्रेस वार्ता में योगगुरु बाबा रामदेव ने बताया कि आयुष मंत्रालय को क्लीनिकल कंट्रोल्ड ट्रायल की सभी पत्रावलियां उपलब्ध करा दी गई हैं। मंत्रालय ने यह भी स्वीकार किया है कि पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ने कोविड के मैनेजमेंट के लिए सभी आवश्यक कार्यवाही सुचारू रूप से संचालित की हैं। आयुष मंत्रालय और पतंजलि में अब इस विषय पर कोई भी असहमति नहीं है। बाबा रामदेव ने बताया कि आयुष मंत्रालय के निर्देश के अनुसार कोरोनिल टैबलेट, श्वसारि वटी और अणु तेल का स्टेट लाइसेंस अथॉरिटी से निर्माण और वितरण की जो अनुमति पतंजलि को मिली है, उसके अनुरूप दवा का निर्माण और वितरण संपूर्ण भारत में किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक ड्रग्स लाइसेंस और क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल की दोनों धाराएं बिलकुल अलग-अलग हैं। आयुर्वेद की सभी दवाओं के लाइसेंस की प्रक्रिया उनके परंपरागत गुणों के आधार पर ही है। इसके बाद ही उनका ट्रायल और वेलीडेशन को फॉलो किया जाता है। पतंजलि और दिव्य फार्मेसी ने भी दिव्य कोरोनिल टैबलेट और दिव्य श्वसारि वटी का औषधि लाइसेंस परंपरागत औषधि उपयोग के आधार पर ही लिया है और इसके बाद मॉडर्न रिसर्च बेस्ड क्लीनिकल ट्रायल को इससे जोड़ा गया है। 

कोविड पॉजिटिव रोगियों पर पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट हरिद्वार और निम्स यूनिवर्सिटी जयपुर ने संयुक्त रूप से रेंडमाइज्ड प्लेसिबो कंट्रोल डबल ब्लाइंड क्लिनिकल ट्रायल किया। ये ट्रायल इंस्टीट्यूशनल एथिक्स कमेटी और क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्री ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त था। इसके सकारात्मक परिणाम पतंजलि ने 23 जून को देश के सामने प्रस्तुत किए थे। उन्होंने कहा कि मामले का पटाक्षेप होने के साथ ही योग, आयुर्वेद से नफरत करने वालों के मंसूबों पर पानी फिर गया है। 'क्योर' शब्द को लेकर बहस हो रही है। जल्द ही यह बादल भी छट जाएंगे। इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में कोरोनिल और श्वसारि वटी खाकर मरीज ठीक हो रहे हैं।

दवा माफिया की बदनाम करने की कोशिशें होंगी नाकाम

योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि कुछ दवा माफिया और स्वदेशी व भारतीयता विरोधी ताकतें चाहे लाख हमें बदनाम करने की कोशिश करें, कितने ही हम पर पत्थर फेंके, हम दृढ़ संकल्पित हैं कि इन्हीं पत्थरों की सीढिय़ां बनाकर अपनी मंजिल पाएंगे।

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सचिव आयुष दिलीप जावलकर ने बताया कि दिव्य फार्मेसी के संबंध में अभी ड्रग कंट्रोलर स्तर से कोई निर्णय नहीं लिया गया है। मामला हाईकोर्ट में चल रहा है। वहां सारी सूचनाएं उपलब्ध करा दी गई हैं। जल्द ही ड्रग कंट्रोलर स्तर से मामले पर निर्णय ले लिया जाएगा।

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