स्वामी शिवनांद ने श्रीश्री रविशंकर पर बोला हमला, आत्मबोधानंद ने पूछे सवाल
मातृसदन आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी शिवनांद सरस्वती ने श्रीश्री रविशंकर पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि श्रीश्री रविशंकर सरकार की भाषा बोलकर गंगा की बजाय सरकार की चिंता कर रहे हैं।
हरिद्वार, जेएनएन। मातृसदन आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी शिवनांद सरस्वती ने श्रीश्री रविशंकर पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि श्रीश्री रविशंकर ने उनके तपस्यारत शिष्य को किस अधिकार के तहत तप त्यागने का आदेश दिया। वहीं, आत्मबोधानंद ने भी श्रीश्री रविशंकर को खुला पत्र लिखकर कई सवाल पूछे हैं।
गंगा की अविरलता के लिए गंगा और सहायक नदियों से खनन बंद करने की मांग को लेकर मातृसदन कई साल से आंदोलन कर रहा है। इसके तहत भूख हड़ताल, जल त्याग भी मातृसदन में संत करते आए हैं। इन दिनों स्वामी शिवानंद के शिष्य आत्मबोधानंद तपस्या में हैं।
जगजीतपुर स्थित आश्रम में पत्रकारों से बातचीत में परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि बुधवार शाम को श्रीश्री रविशंकर उनके आश्रम में आए थे, लेकिन उन्होंने सरकार की पैरोकारी करते हुए 173 दिन से गंगा रक्षा को तप कर रहे ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद से नवरात्र के बाद तप त्यागने का आदेश दिया था।
उन्होंने कहा कि वह पूछना चाहते हैं कि यह आदेश उन्होंने किस अधिकार के तहत दिया है और यह अधिकार उन्हें किसने दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि वह सरकार की भाषा बोलकर गंगा की बजाय सरकार की चिंता कर रहे हैं। उन्हें गंगा बचाने के लिए आंदोलन कर रहे संतों का साथ देना चाहिए था, लेकिन वह सरकार की तरफदारी करके सरकार बचाने का काम कर रहे हैं।
वहीं, आत्मबोधानंद ने कहा कि वह श्रीश्री रविशंकर जिन पर यमुना को प्रदूषित करने पर एनजीटी ने बड़ा जुर्माना लगाया था। अब वही गंगा की अविरलता-निर्मलता और सरकार की ओर से गंगा की सफाई की बात कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि गंगा में एक प्रकार की दवा डाली जा रही है, जिससे मछलियां और जलीय जीव मर रहे हैं।
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