ट्रेन की रफ्तार बढ़ने से पार्क अफसरों की नींद उड़ी
ज्वालापुर में ट्रायल ट्रेन की चपेट में आकर चार युवकों की मौत होने के बाद राजाजी टाइगर रिजर्व के अधिकारियों को वन्यजीवों की सुरक्षा की चिता सताने लगी है।
संवाद सहयोगी, हरिद्वार: ज्वालापुर में ट्रायल ट्रेन की चपेट में आकर चार युवकों की मौत होने के बाद राजाजी टाइगर रिजर्व के अधिकारियों को वन्यजीवों की सुरक्षा की चिता सताने लगी है। पार्क के निदेशक डीके सिंह ने इस क्षेत्र में ट्रेन की रफ्तार 100 या 120 किलोमीटर प्रतिघंटा होने पर वन्यजीवों के चपेट में आने की आशंका जताई है। उन्होंने मुरादाबाद मंडल के रेल प्रबंधक को पत्र भेजकर पार्क क्षेत्र में ट्रेनों की रफ्तार पूर्व की 35 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटा नियत किए जाने की की बात कही है।
हरिद्वार-देहरादून रेल मार्ग के बीच दोहरीकरण का कार्य पूरा हो चुका है। रेलवे ने दो रोज पहले नए रेलवे ट्रेक पर ट्रायल भी लिया है। स्पीड ट्रायल के दौरान ही ज्वालापुर क्षेत्र में रेलवे फाटक से चंद कदम की दूरी पर ट्रेन की चपेट में आने से चार युवकों की मौत हो गई थी।
इस घटना के बाद से राजाजी टाइगर रिजर्व के अफसरों के भी कान खड़े हो गए हैं। हरिद्वार रायवाला के बीच के रेलवे ट्रेक पर वन्यजीवों की सक्रियता लगातार बनी रहती है। पूर्व में यहां हाथियों के ट्रेन की चपेट में आने की घटनाएं हो चुकी है। राज्य गठन के बाद से यहां अब तक 19 हाथी जान गंवा चुके हैं।
रेलवे ने हरिद्वार क्षेत्र में हाल में रेलगाड़ियों की गति सीमा बढ़ाने का एलान किया है, हालांकि, रेलवे अधिकारी राजाजी पार्क क्षेत्र में गति पूर्ववत रखने की बात कह रहे हैं। लेकिन वन विभाग के अधिकारी सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर मंथन कर रहे हैं। मंडल रेल प्रबंधक को भेजे पत्र में पार्क के निदेशक डीके सिंह ने नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश एवं राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड की बैठक में तय हुई शर्तों का हवाला देकर पार्क क्षेत्र में ट्रेनों की रफ्तार 35 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटा ही रखने की पैरवी की है।
पत्र में यह भी उल्लेख है कि कोरोना काल में ट्रेनों का आवागमन बंद होने के चलते वन्य जीवों की यहां सक्रियता ज्यादा हुई है। इनदिनों कोहरा भी छा रहा है। ऐसे में रेलवे ट्रैक पर दुर्घटनाओं की आशंका ज्यादा है। लिहाजा, ट्रेनों की रफ्तार पूर्व की भांति ही रखी जाए। पत्र में निदेशक ने दो टूक लिखा है कि ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाए जाने पर वन्य जीवों के साथ दुर्घटना होती है तो उसका जिम्मेदार रेलवे होगा।