गन्ने की ऑनलाइन पर्चियों ने बढ़ा दी किसानों की मुश्किल
जागरण संवाददाता रुड़की गन्ना विभाग की ओर से शुरू की गई ऑनलाइन पर्ची जारी करने की व्य
जागरण संवाददाता, रुड़की : गन्ना विभाग की ओर से शुरू की गई ऑनलाइन पर्ची जारी करने की व्यवस्था शुरूआती चरण में ही लड़खड़ा गई है। किसी को गलत पर्चियां मिल रही है तो किसी का बेसिक कोटा ही कम कर दिया गया है। जिससे किसान परेशान हैं और गन्ना समितियों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। पर्चियों से संबंधित दिक्कतें लक्सर एवं इकबालपुर समिति में सबसे अधिक बनी हुई है।
लक्सर चीनी मिल ने तीन दिन पहले पेराई सत्र की शुरूआत की है। लिब्बरहेड़ी चीनी मिल में दस नवंबर से पेराई सत्र की शुरूआत होगी। गन्ना किसानों को गन्ना पर्चियों के एसएमएस मिलना शुरू हो गए हैं। गन्ना विभाग ऑनलाइन पर्ची सिस्टम को बड़ी उपलब्धि बताकर पीठ थपथपा रहा है, लेकिन किसानों की परेशानी काफी बढ़ गई है। इकबालपुर गन्ना समिति से जुड़े किसान राजबीर सिंह, सुनील कुमार एवं प्रकाश चौधरी ने बताया कि उन्होंने कभी भी बुग्गी की पर्ची नहीं डाली है। वह ट्राली से ही मिल को गन्ने की आपूर्ति करते आए हैं, लेकिन इस बार उनकी पर्ची बुग्गी की कर दी गई है। इसी तरह से रिजवान अहमद, दानिश अली ने बताया कि गन्ना सुपरवाइजरों ने पैमाइश के बाद जो क्षेत्रफल लिखा था, उसके आधार पर बेसिक कोटा तय किया गया है, लेकिन अब जो पर्चियां आ रही है उनमें बेसिक कोटे को बेहद कम कर दिया गया है। किसी किसान का 500 क्िवटल तक का बेसिक कोटा कम किया गया है। अब उनकी पर्चियां भी कम आ रही हैं। परेशान किसान समितियों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी कहीं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
इस संबंध में सहायक गन्ना आयुक्त शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि शुरूआत में कुछ जगह समस्या आ रही है। सभी समितियों में हेल्प डेस्क खोली गई है। किसान वहां पर अपनी समस्या को निस्तारित करा सकते हैं।