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माइक्रोवेव प्रोसे¨सग पर हो रही है महत्वपूर्ण रिसर्च

जागरण संवाददाता, रुड़की : आइआइटी रुड़की में मंगलवार को माइक्रोवेव प्रोसे¨सग ऑफ मैटेरि

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 May 2018 09:03 PM (IST)Updated: Tue, 22 May 2018 09:03 PM (IST)
माइक्रोवेव प्रोसे¨सग पर हो रही है महत्वपूर्ण रिसर्च
माइक्रोवेव प्रोसे¨सग पर हो रही है महत्वपूर्ण रिसर्च

जागरण संवाददाता, रुड़की : आइआइटी रुड़की में मंगलवार को माइक्रोवेव प्रोसे¨सग ऑफ मैटेरियल्स- चैलेंजेज एंड अर्पोचनिटी विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को माइक्रोवेव प्रोसे¨सग से जुड़ी आधुनिक तकनीकों और रिसर्च के बारे में जानकारी दी।

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संस्थान के मैकेनिकल एंड इंडस्ट्रियल इंजीनिय¨रग डिपार्टमेंट के सभागार में कार्यशाला आयोजित की गई। इस मौके पर द पेनसिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी यूएसए के माइक्रोवेव प्रोसे¨सग एंड इंजीनिय¨रग सेंटर के निदेशक और फुलब्राइट विशेषज्ञ प्रो. दिनेश अग्रवाल ने माइक्रोवेव प्रोसे¨सग ऑफ मैटेरियल्स के विषय में प्रतिभागियों को महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 15 वर्ष पूर्व माइक्रोवेव प्रोसे¨सग पर कोई कार्य नहीं करता था। लेकिन अब इस पर भारत, यूएसए और जापान में बहुत रिसर्च हो रही हैं। प्रो. अग्रवाल ने बताया कि माइक्रोवेव का उपयोग केवल किचन में खाना बनाने तक ही सीमित नहीं रह गया है। बल्कि जिस सिद्धांत का प्रयोग करके माइक्रोवेव में खाना बनाया जाता है, उसी सिद्धांत का प्रयोग करके इसमें स्टील भी बनाया जाता है। इसके अलावा स्टील पा‌र्ट्स को जोड़ने, अनुपयोगी गाड़ी के टायरों से माइक्रोवेव में नेचुरल गैस, आयल, स्टील आदि बनाने पर शोध चल रहा है। इसके अलावा अक्सर घरों में गेहूं, चावल, दाल आदि में कीड़े लग जाते हैं, ऐसे में इस समस्या को दूर करने पर भी शोध किया जा रहा है। जिससे कि माइक्रोवेव के अंदर एक टनल बनाकर उसमें एक तरफ इस कीड़े लगी सामग्री को डाला जाएगा तो दूसरी तरफ से बिना कीड़े वाले सामग्री बाहर आ जाएगी। बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया अभियान के तहत कई आधुनिक तकनीकों पर कार्य किया जा रहा है। आइआइटी रुड़की के मैकेनिकल एंड इंडस्ट्रियल इंजीनिय¨रग के एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोग्राम को-आर्डिनेटर प्रो. अपूर्बा कुमार शर्मा ने बताया कि आइआइटीआर-पेन स्टेट रिसर्च इनिशिएटिव इन एडवांस्ड मैटेरियल्स प्रोसे¨सग प्रोजेक्ट के तहत इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। बताया कि फुलब्राइट स्कीम के तहत संस्थान में पहली बार इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। प्रो. शर्मा ने बताया कि यह प्रोजेक्ट इंडो-यूएस फुलब्राइट कार्यक्रम के तहत अमेरिका-इंडिया एजुकेशनल फाउंडेशन (यूएसआइईएफ) की ओर से प्रायोजित है। कार्यशाला के उद्घाटन कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष डॉ. नवनीत अरोड़ा उपस्थित रहे। इसमें देश के विभिन्न शिक्षण संस्थानों से प्रतिभागी शामिल होने के लिए पहुंचे हैं।


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