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- पुरानी गंगनहर को बनाया जायेगा वाटर स्पोटर्स हब

जागरण संवाददाता, रुड़की : उत्तराखंड बनने के बाद पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने पुरानी गंगनहर औ

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 06:31 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 06:31 PM (IST)
- पुरानी गंगनहर को बनाया जायेगा वाटर स्पोटर्स हब
- पुरानी गंगनहर को बनाया जायेगा वाटर स्पोटर्स हब

जागरण संवाददाता, रुड़की : उत्तराखंड बनने के बाद पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने पुरानी गंगनहर और पार्क का निरीक्षण किया। पुरानी गंगनहर की सुंदरता को देख मुख्यमंत्री अभिभूत हो गये। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग और खेल मंत्रालय मिलकर गंगनहर को वाटरी स्पो‌र्ट्स हब के रूप में विकसित करेंगे। साथ ही शहर के अंदर गंगनहर का सौंदर्यीकरण भी किया जायेगा।

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रुड़की शहर के बीचोंबीच से गंगनहर बहती है। अब से पहले तक उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच अलग-अलग पार्टी की सरकार होती थी। गंगनहर का स्वामित्व अभी उप्र सरकार के पास है। पहली बार दोनों राज्यों में एक पार्टी की सरकार बनी है। परिसंपत्तियों के स्थानांतरण को लेकर भी कार्रवाई चल रही है। पहली बार शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोलानी पार्क पर पहुंचे। यहां पर नगर विधायक प्रदीप बत्रा ने बताया कि पुरानी गंगनहर में अब पानी नहीं चलता है। नई गंगनहर से ही पानी बह रहा है। पुरानी गंगनहर को वाटर स्पो‌र्ट्स के रूप में विकसित किया जायेगा। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर की क्या¨कग-क्नोइंग की प्रतियोगिता भी रुड़की में हो चुकी है। इस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ¨सह रावत ने घोषणा की कि गंगनहर को वाटर स्पो‌र्ट्स हब के रूप में विकसित किया जाएगा। इतना ही नहीं गंगनहर के दोनों और सोलानी पार्क से लेकर गणेशपुर पुल तक रैलिंग आदि का निर्माण होगा। सौंदर्यीकरण किया जायेगा। साथ ही इसे पर्यटन के रूप में भी विकसित किया जायेगा। विपत्ति के समय ही याद आते हैं भगवान

रुड़की : पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि रुड़की सिविल लाइंस की नुजूल भूमि को लेकर विधायक प्रदीप बत्रा ने एक ज्ञापन दिया है। यह समस्या गंभीर है। शहरी विकास मंत्रालय से इस संबंध में रिपोर्ट ली जायेगी और सिविल लाइंस को नजूल मुक्त कराया जायेगा। पूर्व सीएम हरीश रावत के श्रीराम मंदिर बनाने के बयान पर सीएम ने चुटकी लेते हुए कहा कि विपत्ति के समय ही भगवान याद आते हैं मंदिर कब और कौन बनायेगा, यह तो वक्त ही बतायेगा।


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