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आतंकियों के हथियार सप्लायर की बहन से एनआइए की पूछताछ, इस तरह सामने आया था आशीष का नाम

केएलएफ के हथियार सप्लायर की रुड़की में रहने वाली मुंह बोली बहन के घर एनआइए की टीम पहुंची। टीम में शामिल अधिकारियों ने हथियार सप्लायर की मुंह बोली बहन के बयान दर्ज किए हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 28 Aug 2020 02:23 PM (IST)Updated: Fri, 28 Aug 2020 02:23 PM (IST)
आतंकियों के हथियार सप्लायर की बहन से एनआइए की पूछताछ, इस तरह सामने आया था आशीष का नाम
आतंकियों के हथियार सप्लायर की बहन से एनआइए की पूछताछ, इस तरह सामने आया था आशीष का नाम

रुड़की(हरिद्वार), जेएनएन। आतंकी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट (केएलएफ) के हथियार सप्लायर की रुड़की में रहने वाली मुंह बोली बहन के घर एनआइए की टीम पहुंची। एनआइए की टीम में शामिल अधिकारियों ने हथियार सप्लायर की मुंह बोली बहन के बयान दर्ज किए हैं। ये पूछताछ करीब दो घंटे तक पूछताध करती रही। इस दौरान बैंक खातों के संबंध में जानकारी जुटाई। 

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उत्तर प्रदेश एटीएस की टीम ने एक फरवरी 2020 को रुड़की के जादूगर रोड स्थित आवास से आशीष निवासी ग्राम टिकरी पोस्ट, थाना जॉनी, जनपद मेरठ (उत्तर प्रदेश) को गिरफ्तार किया था। आशीष यहां पर अपनी मुंहबोली बहन के घर रहता था। उप्र के एटीएस की टीम को सूचना मिली थी कि आशीष खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के मुखिया हरमीत सिंह उर्फ हैप्पी पीएचडी के मुख्य सहयोगी गुगनी ग्रेवाल को हथियार सप्लाई करता था। पंजाब पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए उप्र एटीएस से मदद मांगी थी। इसके बाद यह कार्रवाई हुई थी। 

उप्र एटीएस ने उसे पंजाब पुलिस को सौंप दिया था। इस मामले की जांच एनआइए को सौंपी गई थी। गुरुवार को एनआइए के डिप्टी एसपी बिरेंद्र सिंह टीम के साथ दोपहर रुड़की पहुंचे। टीम में तीन अधिकारी शामिल थे। स्थानीय पुलिस की मदद से एनआइए की टीम ने जादूगर रोड पर रहने वाली आशीष की बहन के बयान दर्ज किए। बताया गया है कि एनआइए की टीम ने यह जानकारी जुटाई है कि वह कब से उसके यहां रह रहा था। साथ ही उसके संपर्क में रहने वालों के बारे में भी जानकारी जुटाई है। एनआइए की टीम ने उसके बैंक खातों के संबंध में भी जानकारी जुटाई। करीब दो घंटे तक एनआइए की टीम पूछताछ करने के बाद लौट गई।

इस तरह आशीष का नाम आया था सामने

आशीष का नाम उस समय सामने आया था जब पंजाब पुलिस ने 23 नवंबर 2019 को सुपारी लेकर हत्या, लूट और रंगदारी के मामले में गैंगेस्टर सुखप्रीत सिंह उर्फ बुद्वा निवासी मोगा (पंजाब) को गिरफ्तार किया था। गैंगेस्टर ने पुलिस के सामने उस दौरान राज खोला था कि आशीष उसके गिरोह को हथियार सप्लाई करता है। इसके बाद पता चला था कि आशीष केएलएफ के मुखिया हरमीत सिंह उर्फ हैप्पी उर्फ पीएचडी के मुख्य सहयोगी गुगनी ग्रेवाल को हथियार सप्लाई करता था। हरमीत सिंह दो साल तक पाकिस्तान में रहा था। 2016 में पंजाब आरएसएस के उप प्रमुख जगदीश कुमार गगनेजा की हत्या में भी एनआइए ने उसे आरोपित बनाया था।

अवैध शराब में हुई थी पहली गिरफ्तारी

आशीष पर सबसे पहला मुकदमा वर्ष 2009 में दर्ज हुआ था। आशीष मोहाली पंजाब में 2009 में अपनी मौसी के बेटे बिट्टू के साथ शराब की 150 पेटी के साथ पकड़ा गया था। 2010 में भी आशीष 40 ग्राम डोडा के साथ पकड़ा गया था, जिसमें उसे 10 साल की सजा हुई थी। 2014 में वह जमानत पर रिहा हुआ था। जेल में ही उसकी दोस्ती गैंगस्टर सुखप्रीत से हुई थी।

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रुड़की में पाक-साफ आशीष की पुलिस से थी दोस्ती

आशीष की शहर में छवि काफी अच्छी थी। एसओजी और रुड़की गंगनहर कोतवाली के कुछ पुलिसकर्मियों से उसकी काफी अच्छी दोस्ती थी। उनके साथ वह दबिश में भी जाता था। कुछ शहरवासी तो उसे पुलिस कर्मी ही समझते थे, लेकिन जब उसे एटीएस ने गिरफ्तार किया तो सब हक्के-बक्के रह गए थे। 

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