नेहा हत्याकांड से उठा पर्दा, पति ने नहीं बल्कि प्रेमी ने की थी हत्या
पुलिस ने नेहा हत्याकांड का खुलासा किया है। नेहा की हत्या पति ने नहीं, बल्कि उसके प्रेमी ने की थी। इसके बाद प्रेमी ने भी आत्महत्या कर ली।
हरिद्वार, [जेएनएन]: ज्वालापुर के अंबेडकरनगर में विवाहिता की बेलन से पीटकर हत्या उसके पति ने नहीं बल्कि प्रेमी ने की थी। प्रेमी ने पहले नेहा की हत्या की और फिर गंगनहर में कूदकर खुदकुशी कर ली। मंगलवार को प्रेमी का शव मिलने और जांच में सामने आए तथ्यों की कड़ियां जोड़ने के बाद पुलिस ने यह दावा किया है।
ज्वालापुर अंबेडकनगर में अशोक कुमार के मकान में किराये पर रहने वाले अरुण यादव की पत्नी नेहा की शुक्रवार को हत्या कर दी गई थी। मायके वालों ने अरुण व उसके परिवार वालों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने उसी दिन अरुण को हिरासत में ले लिया था। जबकि अरुण बार-बार कह रहा था कि नेहा के पूर्व प्रेमी सोनू ने हत्या की होगी। पुलिस ने जब सोनू के परिजनों से संपर्क साधा तो उसके गंगनहर में कूदने की जानकारी मिली। तब से हत्याकांड की गुत्थी उलझी थी।
मंगलवार सुबह गंगनहर में पथरी पावर हाउस से सोनू का शव बरामद हो गया। इससे पहले सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन समेत पुलिस की अन्य छानबीन में यह साफ हो गया था कि घटना वाले दिन सोनू अंबेडकरनगर पहुंचा था।
वहीं, पुलिस का दावा है कि सोनू ने अपनी मां व भाई को इस बारे में जानकारी दी थी। कुल मिलाकर पुलिस की जांच इस नतीजे पर पहुंची है कि नेहा और सोनू शादीशुदा थे और प्रेम संबंधों के कारण दोनों के परिवारों में टेंशन बनी हुई थी। सोनू के दो बच्चे व नेहा का भी एक बेटा था। पुलिस के अनुसार, ऐसे में दोनों के एक होने का कोई रास्ता न सूझने पर सोनू ने पहले नेहा की हत्या की और फिर गंगनहर में कूदकर आत्महत्या कर ली।
कलेश होने पर छोड़ना पड़ा था मोहल्ला
पुलिस के मुताबिक अरुण यादव व उसकी पत्नी नेहा पहले लोधामंडी में रहते थे। अरुण और सोनू बाजार में अलग-अलग दुकानों पर काम करते थे और घर आस-पास होने के चलते उनका आना जाना लगा रहता था। तभी सोनू और नेहा के बीच प्रेम संबंध बने। एसपी सिटी ममता वोहरा ने बताया कि सोनू व नेहा के प्रेम संबंधों की जानकारी मिलने पर दोनों परिवारों क्लेश हुआ था। इससे बचने के लिए अरुण ने करीब छह महीने पहले लोधामंडी मौहल्ले से कमरा छोड़ दिया था और अंबेडकरनगर में अशोक के मकान में रहने लगा था। इसके बावजूद दोनों के संबंध बने रहे।
आखिरकार सही निकला पति का दावा
मृतका के पति अरुण के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने उसकी बातों को गंभीरता से लिया। पुलिस अगर आरोपों पर यकीन कर अरुण को अगली सुबह जेल भेज देती तो शायद पूरा सच सामने नहीं आ पाता। कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह व उनकी टीम पति से लगातार पूछताछ करती रही और जांच में सामने आए तथ्यों की कड़ियांजोड़ती रही।
यह भी पढ़ें: बड़े भार्इ ने छोटे भार्इ के पेट में किया चाकू से वार, गंभीर
यह भी पढ़ें: दहेज हत्या के दोषी मां-बेटे को आजीवन कारावास की सजा
यह भी पढ़ें: आइटीबीपी के सब इंस्पेक्टर की हत्या में जवान को उम्रकैद