अतिक्रमण हटाने के चक्कर में सफाई भूले
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: स्वच्छ भारत मिशन को धर्मनगरी में पलीता लगाया जा रहा है। ऐसी स्थिि
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: स्वच्छ भारत मिशन को धर्मनगरी में पलीता लगाया जा रहा है। ऐसी स्थिति तब है, जब इस साल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर जोरशोर से स्वच्छता के दावे किए जा रहे हैं। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद गंगा घाट तो पहले से बेहतर हाल में दिख रहे हैं। मगर मुख्य सड़कों पर जहां-तहां कूड़े का अंबार दिख रहा है। डं¨पग प्वांइट से कई दिन तक कूड़े का उठान नहीं होने से इन दिनों संक्रामक बीमारियों का खतरा भी मंडरा रहा है।
इन दिनों जिला प्रशासन और नगर निगम का पूरा जोर अतिक्रमण हटाओ अभियान पर है। हर दिन अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में कर अधीक्षक, सफाई निरीक्षकों के साथ ही विभिन्न पटलों के लिपिक भी हाथ में डंडा लेकर सड़क पर अतिक्रमण हटवाते दिख रहे हैं। सफाई निरीक्षकों के अतिक्रमण हटाओ अभियान में जुटे होने से शहर में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। हालांकि कूड़े के उठान और निस्तारण का ठेका नगर निगम ने केआरएल वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को दे रखा है। मगर कंपनी अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रही है। कई बार जुर्माना लगाने के बाद भी कंपनी न तो शहर में ठीक से सफाई करा रही है और न ही कूड़े का उठान और निस्तारण। केआरएल पर खुली गाड़ी से कूड़ा उठान के चलते जिलाधिकारी दीपक रावत ने एक लाख का जुर्माना भी लगाया था। बाद में नगर आयुक्त ने भी साढ़े तीन लाख का जुर्माना लापरवाही पर लगाया, मगर फिर भी सफाई व्यवस्था सुधारने को कंपनी ठोस कदम नहीं उठा रही है। सफाई व्यवस्था की निगरानी करने वाले निगम के सफाई निरीक्षक भी इन दिनों अतिक्रमण हटाओ अभियान में व्यस्तता का हवाला देकर सफाई व्यवस्था की मॉनीट¨रग से मुंह मोड़े हैं, जिससे शहर की जनता गंदगी और कूड़े के ढेर के बीच जीवन बिताने को मजबूर है। शहर में खन्ना नगर के पास, रोड़ीबेलवाला, रेलवे स्टेशन के समीप चित्रा टाकीज के सामने, नगर निगम कार्यालय से नारायणी शिला मंदिर मार्ग पर कूड़ा सड़क किनारे बिखरा है। दिन के बारह बजे क्या शाम के चार बजे तक कूड़े का उठान नहीं हो रहा है। नगर आयुक्त डॉ. ललित नारायण मिश्र ने कहा कि सफाई को लेकर संबंधित कार्मिकों को निर्देशित किया गया है। अतिक्रमण हटाओ अभियान में निकलने से पहले सभी सफाई निरीक्षकों को सफाई का काम निपटाना है। कूड़ा उठान में यदि लापरवाही मिली तो कार्रवाई की जाएगी। केआरएल कंपनी से करार पर भी दोबारा विचार किया जाएगा।