Move to Jagran APP

संस्‍कृत भाषा के संवर्धन और अनुसंधान की है जरूरत

राज्यपाल डा. केके पाल ने कहा कि संस्कृत भाषा हामारी सबसे प्राचीन भाषा है। इसके संवर्धन और अनुसंधान की जरूरत है।

By sunil negiEdited By: Published: Sat, 12 Nov 2016 03:10 PM (IST)Updated: Sun, 13 Nov 2016 02:00 AM (IST)
संस्‍कृत भाषा के संवर्धन और अनुसंधान की है जरूरत

बहादराबाद, [जेएनएन]: राज्यपाल डा. केके पाल ने कहा कि संस्कृत भाषा के संवर्धन और अनुसंधान की जरूरत है। वह उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के 48वें अखिल भारतीय विद्या सम्मलेन में बोल रहे थे।

आज हरिद्वार स्थित उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय 48वें अखिल भारतीय विद्या सम्मलेन का आयोजन किया गया। इसमें बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल डा. केके पाल ने कहा संस्कृत भाषा हामारी सबसे प्राचीन भाषा है।

loksabha election banner

पढ़ें:-कुमाऊं विश्वविद्यालय का 13वां दीक्षांत समारोह, राज्यपाल ने प्रदान की उपाधि

इस भाषा से ही कई विषयों की भी पहचान है। चाहे वह भूगोल, विज्ञान या फिर खगोलशास्त्र हो। उन्होंने कहा कि इस भाषा के संवर्धन और अनुसंधान की जरूरत है। सम्मेलन में आचार्य बाल कृष्ण, कुलपति डा. पीयूषकांत सहित देश से आए शोधकर्ताओं शामिल रहे।

पढ़ें:-रोजगारपरक शिक्षा की कमी पर राज्यपाल ने जताई चिंता

पढ़ें:-खनिया गांव की बेटी भावना मेहरा ने रोशन किया कुमाऊं का नाम


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.