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आर्थिक आधार पर आरक्षण संविधान की भावना के खिलाफ

नवदलित विमर्श समन्वय समिति के बैनर तले विभिन्न संगठनों की ओर से रविवार को भगत ¨सह चौक के समीप स्थित नेहरू युवा केंद्र में नवदलित विमर्श कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार और लेखक उर्मिलेश ने कहा कि आर्थिक आधार पर आरक्षण संविधान की भावना के खिलाफ है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Jan 2019 07:01 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jan 2019 07:01 PM (IST)
आर्थिक आधार पर आरक्षण संविधान की भावना के खिलाफ
आर्थिक आधार पर आरक्षण संविधान की भावना के खिलाफ

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: नवदलित विमर्श समन्वय समिति के बैनर तले विभिन्न संगठनों की ओर से रविवार को भगत ¨सह चौक के समीप स्थित नेहरू युवा केंद्र में नवदलित विमर्श कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार और लेखक उर्मिलेश ने कहा कि आर्थिक आधार पर आरक्षण संविधान की भावना के खिलाफ है। इसके आधार पर केवल राजनीतिक हित साधने की कोशिश की जा रही है।

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उर्मिलेश ने कहा कि भारतीय समाज में फूट डालो की नीति काफी प्राचीन समय से चली आ रही है। इसका प्रतिकार डॉ. भीमराव आंबेडकर ने किया। दलित समाज को मुख्यधारा में लाने के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान किया गया। कहा कि गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम सरकार चलाती है, इसलिए आर्थिक स्तर पर सुधार न होना सरकारों की नाकामी है। अधिकांश सरकारी पदों पर अगड़ी जातियों का ही कब्जा है। यदि देश के लोकतांत्रिक व्यवस्था को वास्तव में मजबूत करना है तो देश को जातिविहीन व्यवस्था करनी होगी। कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सचिवालयों और अन्य कार्यालयों में अगड़ी जाति ही सबसे ज्यादा हैं। फिर आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का क्या औचित्य। वहीं, दिल्ली के ¨हदू लॉ कॉलेज के प्रोफेसर रतन लाल ने कहा कि नवदलित विमर्श देश और संविधान बचाने का आंदोलन है। कहा कि दलित देश के दोयम नहीं, प्रथम दर्जे के नागरिक हैं। राजनीतिक लड़ाई ने दलितों को दोयम दर्जे का नागरिक बना दिया। वरिष्ठ पत्रकार डॉ. पंकज श्रीवास्तव ने आरक्षण को राजनीतिक हथियार के रूप में प्रयोग करने की दलों के नीति की आलोचना की। कहा कि मकसद, सोच सही और पारदर्शी होनी चाहिए। इस दौरान महापौर अनीता शर्मा, पूर्व विधायक अंबरीश कुमार आदि ने भी अपने विचार रखे। संचालन लेनिन रघुवंशी और श्रमिक नेता मुरली मनोहर ने किया। कार्यक्रम में पूर्व दर्जाधारी संजय पालीवाल, पूर्व विधायक रामजस, सतपाल ब्रह्मचारी, अशोक शर्मा, महानगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल, पार्षद अनुज ¨सह, अंजू द्विवेदी सहित अन्य उपस्थित रहे।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नहीं आए

कार्यकम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम ¨सह को आना था। उनके नाम पर मंच संचालक लोगों को रोके रखने के लिए बस थोड़ी देर में पहुंचने की घोषणा बार-बार मंच से करते रहे। लेकिन, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष आखिर तक नहीं आए।

खाली रहीं अधिकांश कुर्सियां

दलित विमर्श कार्यक्रम के नाम पर एक मजबूत मंच बनाने के लिए आयोजकों ने पूरा प्रयास किया था। लेकिन, खाली कुर्सियां और मंच मुंह चिढ़ाते रहे। कार्यक्रम दिन में 12 बजे शुरू होना था, लेकिन डेढ़ बजे तक न तो मंच पर नामित अतिथि बैठे दिखे और न सामने की कुर्सियां भरी। जब मीडिया के कैमरे खाली कुर्सियों की ओर घूमे तो चंद मिनट बाद आयोजकों के इशारे पर पीछे और साइड की कुर्सियों को हटाने का काम शुरू हो गया। वहीं आयोजन से जुड़े कई बड़े चेहरे परिसर में चहलकदमी करने वालों की मिन्नत कुर्सी पर बैठने के लिए करते रहे। आयोजन में कई कांग्रेसी चेहरे भी नजर आए। वहीं कांग्रेस के खेमेबाजी को लेकर भी चर्चाएं चलती रहीं।


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