ृउत्तराखंड से राजस्थान को रवाना हुआ पर्वतारोही दल
पर्यावरण को बचाने सड़क सुरक्षा एवं बेटी बचाने को लेकर समाज में जागरूकता फैलाने वाला पर्वतारोही दल उत्तराखंड की यात्रा पूरी करने के साथ ही राजस्थान के भरतपुर जिले के लिए रवाना हो गया है। वर्ष 2018 में माउंट एवरेस्ट फतह कर चुका यह पर्वतारोही दल अब तक साढ़े पांच लाख किमी की यात्रा कर चुका है।
जागरण संवाददाता, रुड़की: पर्यावरण को बचाने, सड़क सुरक्षा एवं बेटी बचाने को लेकर समाज में जागरूकता फैलाने वाला पर्वतारोही दल उत्तराखंड की यात्रा पूरी करने के साथ ही राजस्थान के भरतपुर जिले के लिए रवाना हो गया है। वर्ष 2018 में माउंट एवरेस्ट फतह कर चुका यह पर्वतारोही दल अब तक साढ़े पांच लाख किमी की यात्रा कर चुका है।
सोमवार को रुड़की परिवहन विभाग के कार्यालय पहुंचे 'डेंजर्स एडवेंचर्स अंतर्वेद स्पोर्ट्स लांगेस्ट वर्ल्ड टूर बाइ फुट' के टीम लीडर जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उप्र के विभिन्न जिलों की यात्रा पूरी करने के बाद वह अगस्त में उत्तराखंड आए थे। सभी तीन जिलों की यात्रा करने के बाद अब वह उप्र के आगरा से होते हुए राजस्थान के भरतपुर जाएंगे। उन्होंने बताया कि यह संगठन पर्यावरण, सड़क सुरक्षा की दिशा में वर्ष 1995 से लगातार काम कर रहा है। इसकी स्थापना वर्ष 1980 में हुई थी। वह रास्ते में जहां भी जाते हैं वहां व्यक्तियों और छात्रों को जागरूक करते हैं। सोमवार को एआरटीओ कार्यालय में पहुंचकर उन्होंने उत्तराखंड यात्रा के अनुभव को साझा किया। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के 12 जिलों में उनका अनुभव काफी अच्छा रहा है, केवल रुद्रप्रयाग का अनुभव इतना अच्छा नहीं है। आपदा एवं भूस्खलन की समस्या से जूझने के बावजूद लोग एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं। इस मौके पर एआरटीओ ज्योतिशंकर मिश्रा ने भी पर्वतारोही दल का उत्साहवर्धन किया। टीम में महेंद्र प्रताप एवं गोविंदानंद शामिल रहे।
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केंद्रीय विद्यालय में छात्रों को किया प्रेरित: पर्वतारोही दल ने रुड़की में केंद्रीय विद्यालय नंबर एक में पहुंचकर छात्रों को पर्यावरण संरक्षण एवं सड़क सुरक्षा के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन बड़ी संख्या सड़क हादसों में व्यक्तियों की जान जा रही है। अधिकांश मामलों में वाहन चालक की स्वयं की लापरवाही सामने आती है। कोई हेलमेट नहीं लगाता है तो कोई सीट बेल्ट का इस्तेमाल नहीं करता है। इसलिए सुरक्षित रहने के लिए यातायात नियमों का पालन जरूरी है। इस मौके पर प्राचार्य विपिन कुमार त्यागी ने छात्रों को पर्यावरण संरक्षण के संबंध में जानकारी दी।