मीट की खपत के अनुसार हो स्लाटर हाउस की क्षमता
संवाद सहयोगी मंगलौर स्लाटर हाउस बंद होने के बाद होटल रेस्टोरेंट में किस तरह से मी
संवाद सहयोगी, मंगलौर: स्लाटर हाउस बंद होने के बाद, होटल, रेस्टोरेंट में किस तरह से मीट पहुंच रहा है। स्लाटर हाउस को लेकर आम राय क्या है। हाईकोर्ट के आदेश पर लोगों की राय जानने के लिए मंगलौर कोतवाली में खुली बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में कुछ लोगों ने इसका विरोध किया तो कुछ इसके पक्ष में जुटे। हालांकि अधिकांश ने इस बात पर राय दी कि खपत के अनुसार ही स्लाटर हाउस की क्षमता होनी चाहिए। इससे पशुओं का ज्यादा कटान नहीं होगा।
मंगलौर नगर पालिका क्षेत्र में लंबे समय से कोई स्लाटर हाउस नहीं है। बावजूद इसके होटल, रेस्टोरेंट में मीट पहुंच रहा है और उसको परोसा जा रहा है। अवैध पशु कटान पर रोक लगाने एवं लोगों की राय जानने के लिए उच्च न्यायालय ने डीएम हरिद्वार को खुली बैठक करने के आदेश दिए थे। डीएम के निर्देश पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल ने सीओ मंगलौर डीएस रावत को साथ लेकर मंगलौर कोतवाली में खुली बैठक की। बैठक में आधे लोगों ने स्लाटर हाउस का विरोध किया तो आधे पक्ष में दिखे। हालांकि अधिकांश लोगों ने इस बात पर सहमति जताई कि खपत के अनुसार ही स्लाटर हाउस की क्षमता होनी चाहिए। इसके बाद ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने जनप्रतिनिधियों के साथ भी बैठक कर उउनके विचार जाने। पीपीपी मोड पर स्लाटर हाउस का निर्माण करने वाले मालिक से भी जानकारी की गई। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने बताया कि इस संबंध में रिपोर्ट बनाकर जिलाधिकारी को भेजी जा रही है। बैठक में नगर पालिका परिषद के चेयरमैन दिलशाद अली, चेयरमेन प्रतिनिधि डॉ. शमशाद, जमीर हसन अंसारी, नगर पालिका के प्रभारी अधिशासी अधिकारी शाहिद अली, अवर अभियन्ता गुरूदयाल सिंह, अजीम हैदर, परवेज लम्बरदार आदि मौजूद रहे।