मातृसदन ने साध्वी पद्मावती और आत्मबोधानंद के स्वास्थ्य परीक्षण को आई टीम को लौटाया
अनशन कर रहीं साध्वी पद्मावती और ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद के स्वास्थ्य की जांच के लिए पहुंची मेडिकल टीम को मातृसदन ने लौटा दिया।
हरिद्वार, जेएनएन। गंगा रक्षा के लिए अनशन कर रहीं साध्वी पद्मावती और ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद के स्वास्थ्य की जांच के लिए पहुंची मेडिकल टीम को मातृसदन ने लौटा दिया। मातृ सदन के संत पुण्यानंद ने कहा कि जब तक प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग नोटिस का जवाब नहीं देगा, तब तक तपस्वी अपनी जांच नहीं कराएंगे। गौरतलब है कि शनिवार को मातृसदन ने दून मेडिकल कॉलेज और हरिद्वार जिला प्रशासन को मानहानि का नोटिस भेजा था।
मातृसदन आश्रम में साध्वी पद्मावती 15 दिसंबर से अनशन पर हैं। वहीं 30 जनवरी को साध्वी को जबरन उठाने के बाद ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद भी अनशन कर रहे हैं। बाद में साध्वी को दून मेडिकल कॉलेज से छुट्टी मिली तो वे फिर से अनशन पर बैठ गईं। रविवार को जिला अस्पताल से चिकित्सकों की टीम दोनों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए पहुंची। दोनों संतों ने जांच कराने से इन्कार कर दिया। संत पुण्यानंद ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग की गलत रिपोर्ट देता है। ऐसे में मेडिकल जांच क्यों कराएं। उन्होंने कहा कि मातृसदन को टीम पर भरोसा नहीं है। उन्होंने मांग की कि पहले गलत रिपोर्ट देने वालों के नाम उजागर करे और नोटिस का जवाब दे, तब ही जाकर मेडिकल कराने का निर्णय लिया जाएगा।
चौकी प्रभारी को न हटाने पर उठाए सवाल
मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने जगजीतपुर पुलिस चौकी प्रभारी को न हटाए जाने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में चोरियां होने के बावजूद चौकी प्रभारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। बता दें कि कनखल थाना क्षेत्र के जगजीतपुर में एक गोदाम और दो घरों में लाखों रुपये की चोरियां हुई थी। इस पर थानाध्यक्ष हरिओम चौहान को लाइन हाजिर कर दिया गया था। हालांकि गोदाम में चोरी के आरोपित कर्मचारी पुलिस ने अगले दिन ही पकड़ लिया, लेकिन घरों की चोरियों के मामले अभी अनसुलझे हैं।
यह भी पढ़ें: मातृसदन ने हरिद्वार प्रशासन और दून मेडिकल कॉलेज को भेजा मानहानि का नोटिस
स्वामी शिवानंद ने कहा कि चोरों की घटनाओं में थानाध्यक्ष को तो हटा दिया गया, लेकिन जिस पुलिस चौकी के क्षेत्र में हुए चोरियां हुईं, उस प्रभारी को आज तक भी क्यों नहीं हटाया गया है। कहा कि साफ है कि एक बड़ा षड़यंत्र रचने के लिए उन्हें नहीं हटाया गया, जबकि पहले तो उन्हें ही हटाना चाहिए था।
यह भी पढ़ें: साध्वी पद्मावती ने दून की सीएमओ और डाक्टर पर लगाए बदनाम करने के आरोप