शिक्षिका प्रकरण में सीएम को बर्खास्त करने की मांग
हरिद्वार: मुख्यमंत्री के दरबार में हंगामे के बाद सस्पेंड की गई शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा के पक्ष में मातृ सदन भी कूद पड़ा है।
संवाद सहयोगी, हरिद्वार: मुख्यमंत्री के दरबार में हंगामे के बाद सस्पेंड की गई शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा प्रकरण में मातृसदन भी कूद पड़ा है। मातृसदन ने मामले में राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर सीएम को बर्खास्त करने की मांग की है।
मातृसदन आश्रम के ब्रह्मचारी दयानंद की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा ने अपनी बात बढ़े ही साफ, स्पष्ट और मर्यादित भाषा में रखी थी, लेकिन मुख्यमंत्री मर्यादा अपनी मर्यादा खो बैठे और शिक्षिका को सस्पेंड करने की धमकी दे डाली। इसके बाद शिक्षिका भी थोड़ी विचलित हो गई, परंतु उसके बाद जो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ¨सह रावत ने किया वह भारतीय संविधान का घोर अपमान है। वह इसलिए, क्योंकि सीएम ने आदेश देने के लहजे में कहा कि महिला को हिरासत में ले लिया जाए और सस्पेंड कर दो। ब्रह्मचारी का कहना है कि हिरासत में लेने का अधिकार और सस्पेंड करने का अधिकार प्रत्यक्ष रूप से मुख्यमंत्री के पद में निहित है ही नहीं है, फिर आखिरकार मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ¨सह रावत ने अपनी किस शक्ति का प्रयोग कर उक्त महिला को हिरासत में लेने और सस्पेंड करने का आदेश सुना दिया और यह आदेश किसको दिया। जिससे त्रिवेंद्र ¨सह रावत को मुख्यमंत्री पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं रह गया है। इन सब बातों को देखते हुए राज्यपाल मुख्यमंत्री को तत्काल बर्खास्त कर दें।