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कुंभ: पर्व धर्मध्वजा के बाद महाशिवरात्रि स्नान करेगा महानिर्वाणी अखाड़ा

संन्यासियों अखाड़ों में प्रमुख महानिर्वाणी अखाड़ा पर्व धर्मध्वजा की तैयारियां शुरू कर दी हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Mar 2021 08:55 PM (IST)Updated: Sat, 06 Mar 2021 08:55 PM (IST)
कुंभ: पर्व धर्मध्वजा के बाद महाशिवरात्रि  स्नान करेगा महानिर्वाणी अखाड़ा
कुंभ: पर्व धर्मध्वजा के बाद महाशिवरात्रि स्नान करेगा महानिर्वाणी अखाड़ा

जागरण संवाददाता, हरिद्वार :

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संन्यासियों अखाड़ों में प्रमुख महानिर्वाणी अखाड़ा पर्व धर्मध्वजा की स्थापना के बाद ही महाशिवरात्रि का स्नान करेगा। अखाड़े में स्थापित धर्मध्वजा के ठीक बराबर में महाशिवरात्रि पर नागा संन्यासी पर्व धर्मध्वजा स्थापित करेंगे। मुगल काल में कुंभ स्नान और पेशवाई पर लगे प्रतिबंध के बाद नागा संन्यासियों ने मुगलों के साथ युद्ध कर इसकी पुर्नस्थापना की थी। जिसके बाद दोबारा से कुंभ तथा पेशवाई की शुरुआत हुई थी। महानिर्वाणी अखाड़ा इसी उपलक्ष्य में अखाड़े की परंपरानुसार अखाड़े की छावनी में पर्व धर्मध्वजा की स्थापना करता है।

अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविद्रपुरी महाराज ने बताया कि अखाड़ों की स्थापना ही सनातन हिदू धर्म संस्कृति की रक्षा के लिए की गई थी। अखाड़ों में धर्म शास्त्रों के साथ ही शस्त्र चलाने की शिक्षा दी जाती थी। जब-जब हिदू धर्म पर आंच आई, धार्मिक परंपराओं को नष्ट करने की और रोकने की कोशिश की गई अखाड़े के नागा संन्यासी उसके खिलाफ उठ खड़े हुए। अपने तप और रणकौशल से धार्मिक धरोहर और मान्यताओं की अपना बलिदान देकर रक्षा की।

श्रीमहंत रविद्रपुरी ने बताया कि मुगल शासक औरंगजेब के समय कुंभ स्नान और पेशवाई पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। उस वक्त अखाड़े के नागा संन्यासी इस शाही फरमान के खिलाफ उठ खड़े हुए। मुगल सेना को अपने पराक्रम से परास्त करते हुए अपनी धर्मध्वजा फहराई। उस वक्त पूरे वैभव के साथ पेशवाई निकालकर महाशिवरात्रि पर्व पर कुंभ स्नान किया गया था और कराया था। इसके बाद से ही अखाड़े में धर्मध्वजा के साथ ही महाशिवरात्रि स्नान से पहले पर्व धर्मध्वजा की स्थापना की परंपरा चली आ रही है।

श्रीमहंत ने बताया कि महानिर्वाणी अखाड़ा में इस परंपरा के निर्वहन की सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं। महाशिवरात्रि के दिन पूजन के बाद विधि-विधान और कर्मकांड के साथ अखाड़े के नागा संन्यासी पर्व धर्मध्वजा की स्थापना करेंगे। जिसके बाद अखाड़े की छावनी से पूरे वैभव के साथ महाशिवरात्रि स्नान को जुलूस हरकी पैड़ी को रवाना होगा।


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