जीवन को सकारात्मक बनाता है लेखन: दीप्ति नवल
जागरण संवाददाता, हरिद्वार : प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री और कवियत्री दीप्ति नवल ने कहा कि लेखन आ
जागरण संवाददाता, हरिद्वार : प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री और कवियत्री दीप्ति नवल ने कहा कि लेखन और कला जीवन को सकारात्मक बनाते हैं। अपनी रचनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि 'मैंने जैसा जीवन जिया, उसी यर्थाथ अपनी रचनाओं में उकेरा।'
शुक्रवार को हरिद्वार स्थित गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में आयोजित 'प्रथम हरिद्वार लिटरेचर फेस्टिवल' का उद्घाटन करते हुए दीप्ति ने कहा कि मेरी साहित्यिक यात्रा में आपबीती का प्रभाव ही अधिक रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी कविताओं की एक नई पुस्तक जल्द आने वाली है। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के प्रयास की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि उनके परिवार में गुरुकुल कांगड़ी को उत्तर भारत का शांति निकेतन कहा जाता था। विश्वविद्यालय के कुलपति वीके शर्मा ने कहा कि गुरुकुल हमेशा विमर्श का केंद्र रहा है।थैंक्यू इंडिया की रचियता जर्मन लेखिका मारिया रिथ ने कहा कि भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। यहां धर्म और अध्यात्म लोगों के आत्मा में है और इसीलिए यह ज्ञान का खजाना कहा जाता है।
आयोजन की जिम्मेदारी संभाल रहे प्रोफेसर श्रवण कुमार शर्मा ने बताया कि अंत:प्रवाह सोसायटी के सहयोग से तीन दिन तक चलने वाले फेस्टिवल में देश-विदेश के करीब 200 लेखक शिरकत कर रहे हैं। प्रोफेसर शर्मा ने कहा कि कला के लिए सवाल नहीं एहसास की जरूरत है। अंत:प्रवाह सोसायटी के सचिव संजय हांडा ने कहा उनकी सोसायटी का मकसद धर्मनगरी में साहित्यिक रिश्तों को मजबूती देना है। फेस्टिवल को इंडियन इंस्टीट्यूट आफ एडवांस स्टडीज शिमला के चेयरमैन प्रोफेसर कपिल कपूर ने भी संबोधित किया। इससे पहले भारती शर्मा व उनकी टीम ने लाइव पें¨टग की प्रस्तुति से खूब वाहवाही लूटी। टीम ने 14वीं व 15वीं शताब्दी के अपभ्रंश चित्रकला शैली की शानदार प्रस्तुति दी। टीम को अभिनेत्री दीप्ति नवल ने प्रमाण पत्र दिए।