चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भर्ती पर लगी रोक हटाई जाए
चतुर्थ वर्गीय राज्य कर्मचारी महासंघ ने शुक्रवार को राष्ट्रव्यापी अधिकार दिवस मनाया।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: चतुर्थ वर्गीय राज्य कर्मचारी महासंघ ने शुक्रवार को राष्ट्रव्यापी अधिकार दिवस मनाया। इस दौरान उन्होंने विरोध स्वरूप मांगों को लेकर प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन अपर जिलाधिकारी केके मिश्रा को सौंपा।
कर्मचारी नेता जंबू प्रसाद, मदन श्रीवास्तव, विनोद कुमार और दिनेश लखेड़ा ने कहा कि नई पेंशन व्यवस्था को बंद कर पुरानी पेंशन बहाल करने, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती पर लगी रोक तत्काल हटाने और संविदा और ठेका कर्मियों को नियमित करने की मांग की जा रही है। जब तक वह नियमित नहीं होते उन्हें न्यूनतम वेतन 21 हजार दिया जाए। साथ ही आंगनबाड़ी, मिड डे मील व आशा कार्यकत्र्ता को नियमित करने और जनवरी 2020 और उसके बाद से महंगाई भत्ते की किश्त पर लगी रोक तत्काल हटाने की भी मांग की। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि जिन राज्यों में सातवां वेतन आयोग लागू नहीं किया गया वहां लागू होना चाहिए। साथ ही जिन राज्यों में राज्य वेतन आयोग लागू है, वहां पुनरीक्षित वेतनमान लागू किया जाए। सभी राज्यों में केंद्र सरकार के चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की तरह सभी भत्ते राज्य कर्मचारियों को भी दिए जाने, सभी अल्प वेतनभोगी चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के लिए आवास योजना लागू करने, अखिल भारतीय सरकारी चतुर्थ श्रेणी महासंघ को मान्यता देने की भी मांग की गई। ज्ञापन देने वालों में महावीर सिंह, संजय, सतेंद्र कुमार, कुरड़ी सिंह, दामोदर प्रसाद, शिवनारायण सिंह, राकेश भंवर, अजय कुमार आदि मौजूद रहे।