इस बार गेहूं से खाली रह गए सरकारी गोदाम
इस बार सरकारी विभाग के गोदाम गेहूं से खाली रह गए हैं। जिले में 31 क्रय केंद्रों पर मात्र 3400 क्विटल गेहूं ही खरीदा जा सका है।
जागरण संवाददाता, रुड़की: इस बार सरकारी विभाग के गोदाम गेहूं से खाली रह गए हैं। जिले में 31 क्रय केंद्रों पर मात्र 3400 क्विटल गेहूं ही खरीदा जा सका है। जबकि, पिछले साल जिले में एक लाख एक हजार क्विटल गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी। विभाग इसका कारण गेहूं के दाम में आई तेजी को बता रहा है।
सरकार की ओर से हर बार जिले में विभिन्न सहकारी समितियों एवं मंडी आदि स्थानों पर गेहूं खरीद केंद्र स्थापित किए जाते हैं। इस बार भी सरकार की ओर से 31 गेहूं खरीद केंद्र स्थापित करते हुए कर्मचारियों की तैनाती की गई थी। सरकार की ओर से एक एक अप्रैल से लेकर 31 मई तक क्रय केंद्रों को खोलने के निर्देश दिए गए थे। साथ ही यह भी कहा था कि यदि समय बढ़ाना हो तो जिलाधिकारी के माध्यम से प्रस्ताव भेजकर अवगत कराए ताकि गेहूं खरीद के लिए 15 दिन का समय और बढ़ाया जा सके। 28 मई तक जिले में गेहूं खरीद केंद्र के जो आंकड़े आए हैं वह बेहद चौंकाने वाले हैं। इस बार किसानों ने सरकारी गेहूं खरीद केंद्रों की ओर रुख ही नहीं किया है। ऐसे में कुल 3400 क्विटल ही गेहूं खरीदा जा सका। जबकि, पिछले साल 15 मई तक जिले में एक लाख एक हजार क्विटल गेहूं की खरीद की गई थी। जबकि, इस बार गेहूं का दाम 2015 रुपये प्रति क्विटल घोषित किया था। वहीं बाद में कैबिनेट की बैठक में 20 रुपये का बोनस भी दिए जाने की घोषणा की गई थी। सहायक निबंधक सहकारिता राजेश चौहान ने बताया कि इस बार गेहूं कम मात्रा में आया है। इसकी मुख्य वजह बाजार में अधिक दाम मिलना है। साथ ही किसानों के घर से ही व्यापारी गेहूं को उठाकर ले जा रहे हैं।
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इस बार किसानों ने भी किया गेहूं का स्टाक: गेहूं की फसल इस बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छाई हुई है। भारत सरकार की ओर से गेहूं के निर्यात को लेकर रोक लगा दी गई थी। इसी बीच किसानों ने भी गेहूं के दाम बढ़ने की उम्मीद में स्टाक कर लिया है। स्थिति यह है कि किसानों के घरों में अभी फसल पड़ी हुई है। हालांकि जरूरतमंद किसान गेहूं की फसल को बेच चुके हैं।