जिला पंचायत में इस दबंगई के कारण फिर चर्चा में आए विधायक कुंवर प्रणव
खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह पर पत्नी देवयानी सिंह और पूर्व में जिला पंचायत संचालन समिति के सदस्यों को साथ लेकर अफसरों से भुगतान नोटशीट पर जबरन हस्ताक्षर कराने का आरोप लगा।
हरिद्वार, [जेएनएन]: जिला पंचायत में वर्चस्व की जंग को एक बार फिर से दिखी। आरोप है कि खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने पत्नी देवयानी सिंह और पूर्व में जिला पंचायत के संचालन के लिए समिति के सदस्यों को साथ लेकर अफसरों भुगतान नोटशीट पर जबरन हस्ताक्षर करा लिए। अपर मुख्य कार्याधिकारी राजीव कुमार ने इसकी पुष्टि की और बताया कि उन्होंने चेक पर हस्ताक्षर करने से इन्कार दिया।
जिलाधिकारी को पूरे मामले से अवगत करा दिया गया है। दूसरी तरफ, डीएम दीपक रावत का कहना है कि संचालन समिति के अधिकारों को लेकर शासन ने दिशा-निर्देश मांगे जा रहे हैं।
वित्तीय अनियमितताओं के चलते दिसंबर में जिला पंचायत अध्यक्ष सविता चौधरी को निलंबित कर दिया था। इस बीच, शासन ने जिला पंचायत के संचालन के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठित कर दी थी, इसमें खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन की पत्नी देवयानी सिंह भी शामिल हैं।
इसके बाद से ही जिला पंचायत में वर्चस्व की जंग चल रही है। इधर, 12 मार्च नैनीताल हाईकोर्ट ने जिला पंचायत की निलंबित अध्यक्ष सविता चौधरी को बहाल कर दिया था। तब से यह जंग और तेज हो गई है।
इस मामले में जिला पंचायत कार्यालय में खूब दबंगई देखने को मिली। खानपुर विधायक चैंपियन पत्नी देवयानी सिंह के साथ जिला पंचायत कार्यालय पहुंचे। कुछ ही देर में संचालन समिति में शामिल दो अन्य सदस्य मोहम्मद सत्तार और अमीलाल भी वहां आ गए। ये सभी लोग पंचायत के सभागार में बैठ गए।
उन्होंने अधिकारियों से कर्मचारियों के वेतन और ठेकेदारों के बकाया भुगतान के बिल बनाकर लाने को कहा। उनका कहना था कि हाईकोर्ट ने जिला पंचायत अध्यक्ष को केवल बहाल किया है, वित्तीय अधिकार अभी भी संचालन समिति के पास ही हैं, इसलिए वह सभी बकाया भुगतान करने के लिए आए हैं। इसको लेकर उनकी अधिकारियों से नोकझोंक भी हुई।
इस बीच, विधायक चैंपियन ने सभागार में मौजूद मीडिया कर्मियों को बाहर करवाकर भीतर से चटखनी चढ़वा दी। जिला पंचायत के अधिकारियों और कर्मचारियों को उन्होंने सभागार में ही रोक लिया। चैंपियन के सुरक्षा कर्मी भी वहां मौजूद थे। सुरक्षा कर्मियों पर मीडिया और स्टाफ से अभद्रता करने का भी आरोप है।
अपर मुख्य कार्याधिकारी राजीव कुमार के अनुसार सभागार में समिति सदस्यों ने भुगतान नोटशीट पर जबरन हस्ताक्षर करा लिए, लेकिन चेक हस्ताक्षर करने से इन्कार कर दिया। इस बीच, विधायक चैंपियन और समिति के सदस्य वहां से चले गए। एएमए के अनुसार उन्होंने जिलाधिकारी दीपक रावत को पूरे घटनाक्रम से अवगत करा दिया है।
जिलाधिकारी दीपक रावत के मुताबिक जिला पंचायत के मामले में हाईकोर्ट के आदेश, संचालन समिति के अधिकारों के बारे में शासन से दिशा निर्देश मांगेंगे। तब तक किसी को भी कोई ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए। जिससे व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े। प्रशासन व्यवस्था के संचालन को सुचारू बनाने के लिए प्रयास करेगा। खानपुर विधायक सहित अन्य पक्षों से शासन के अगले निर्देश तक संयम बनाने को कहा है।
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