संत की कलम से: सौभाग्यशाली व्यक्ति को प्राप्त होता है शाही स्नान का अवसर-महंत रूपेंद्र प्रकाश
Haridwar Kumbh 2021 कुंभ मेला धर्म संस्कृति और आध्यात्म का संगम है। जो युगों-युगों से हिंदुओं को अध्यात्म से जोड़ने के लिए सेतु का कार्य करते हैं। मेले में सन्यासी बैरागी अखाड़ों के नागा संन्यासियों महामंडलेश्वरों संतजनों की पेशवाई और शाही स्नान इस आयोजन को भव्यता प्रदान करते हैं।
Haridwar Kumbh 2021 कुंभ मेला धर्म, संस्कृति और आध्यात्म का संगम है। जो युगों-युगों से हिंदुओं को अध्यात्म से जोड़ने के लिए सेतु का कार्य करते हैं। मेले में सन्यासी, बैरागी अखाड़ों के नागा संन्यासियों, महामंडलेश्वरों, संतजनों की पेशवाई और शाही स्नान इस आयोजन को भव्यता प्रदान करते हैं।
संपूर्ण विश्व में ऐसा कोई भी देश नहीं जहां इस तरह का धार्मिक आयोजन होता है। जिसमें सभी जाति, संप्रदाय के लोग आपस में मिल जुलकर पतित पावनी मां गंगा में स्नान कर अपने जीवन को सफल बनाते हैं। नागा संन्यासियों की अलौकिक क्षमता और तेज देख देश ही नहीं अपित विदेशी भी अचंभित रह जाते हैं। कुंभ मेला दिव्य और भव्य ही नहीं बल्कि पारंपारिक स्वरूप में होगा।अखाड़े अपने-अपने स्तर से इसके लिए तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।
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महाकुंभ के लिए विशेष योग 12 वर्षों की बजाए 11 वर्ष में पड़ रहा है। यही वजह है कि इस बार कुंभ 11 वर्ष में ही आयोजित हो रहा है। कुंभ स्नान से जन्म जन्मांतर के पापों का शमन होता है। कुंभ मेला धर्मनगरी हरिद्वार के अलावा प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में होता है। समुद्र मंथन से निकले अमृत की बूंदें इन चार स्थानों पर गिरीं। शाही स्नान का अवसर सौभाग्यशाली व्यक्ति को प्राप्त होता है।
-महंत रूपेंद्र प्रकाश, परमाध्यक्ष प्राचीन अवधूत मंडल
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