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सर्वे करने गई स्वास्थ्य विभाग की टीम को घेरकर अभद्रता, कागजात फाड़ने का प्रयास Haridwar News

सोत मोहल्ला में गर्भवती महिलाओं का सर्वे करने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम को महिलाओं ने घेर लिया और अभद्रता की। भीड़ ने सर्वे के कागजात छीनकर फाड़ने का प्रयास किया।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Fri, 15 May 2020 11:22 AM (IST)Updated: Fri, 15 May 2020 11:22 AM (IST)
सर्वे करने गई स्वास्थ्य विभाग की टीम को घेरकर अभद्रता, कागजात फाड़ने का प्रयास Haridwar News
सर्वे करने गई स्वास्थ्य विभाग की टीम को घेरकर अभद्रता, कागजात फाड़ने का प्रयास Haridwar News

रुड़की, जेएनएन। सोत मोहल्ला में गर्भवती महिलाओं का सर्वे करने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम को महिलाओं ने घेर लिया और अभद्रता की। भीड़ में शामिल महिलाओं ने टीम से सर्वे के कागजात छीनकर फाड़ने का प्रयास किया। इस दौरान मौके पर जमकर हंगामा हुआ। स्वास्थ्य विभाग की टीम किसी तरह से वहां से बचकर निकली। 

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घटना के बाद पुलिस ने भी मामले की जानकारी ली। मामले में टीम की ओर से कोई तहरीर नहीं दी गई है। हालांकि टीम ने सर्वे के दौरान पुलिस से सुरक्षा की मांग की है। शहर के माहीग्रान रोड पर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। स्वास्थ्य केंद्र की ओर से गर्भवती महिलाओं, शून्य से तीन साल के बच्चे और 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों का सर्वे किया जा रहा है। 

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की तीन महिला कर्मचारियों की टीम सोत मोहल्ला स्थित एक घर में सर्वे करने पहुंची। टीम ने घर में मौजूद एक गर्भवती महिला और उसके परिवार के नाम पते-नोट किए। इसी बीच वहां करीब 20 महिलाएं पहुंच गई। महिलाओं ने आरोप लगाया कि टीम कोरोना को लेकर सर्वे कर रही है। 

सर्वे के बाद परिवार की महिलाओं और बच्चों को उठाकर इन्हें क्वारंटाइन किया जाएगा। टीम में शामिल महिलाओं ने बताया कि वे गर्भवती महिलाओं का सर्वे करने आई है। इसके बावजूद महिलाएं आक्रोशित हो गईं और टीम को घेर लिया। भीड़ में शामिल महिलाओं ने टीम के साथ अभद्रता की और सर्वे के कागजात छीन कर इन्हें फाड़ने का प्रयास किया। यहीं नहीं कागजात पर ओवर राइटिंग भी कर दी।

मामला बढ़ता देख टीम किसी तरह वहां से बचकर निकली। मामले की जानकारी कुछ देर बाद सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस को हुई। इसके बाद एसआइ अंकुर शर्मा स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और टीम से जानकारी ली। पुलिस ने स्वास्थ्य टीम को साथ लिया और मौके पर ले जाकर छानबीन की।

मामले में स्वास्थ्य विभाग की टीम में शामिल महिलाओं ने किसी तरह की कार्रवाई से इन्कार कर दिया। साथ ही सर्वे के दौरान पुलिस सुरक्षा देने की मांग की। इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह ने बताया कि पुलिस को तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। अभद्रता करने वाले लोगों को चिह्नित कर इनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।

पहले भी दो बार हो चुकी है अभद्रता

यह पहला मामला नहीं है जब स्वास्थ्यकर्मी और आंगनबाड़ी कर्मियों से अभद्रता हुई हो। लॉकडाउन के दौरान ही मंगलौर और मक्खनपुर गांव में सर्वे करने गई स्वास्थ्यकर्मियों और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से अभद्रता हो चुकी है। दोनों ही मामलों में मुकदमे और गिरफ्तारी की कार्रवाई हुई है। बावजूद इसके क्षेत्र में स्वास्थ्य टीम पर हमले और अभद्रता के मामले आएदिन सामने आ रहे हैं। इन पर कार्रवाई भी हुई है।

आइसोलेशन में भर्ती करने पर युवकों ने किया हंगामा

सिविल अस्पताल रुड़की के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती दो युवकों ने हंगामा किया। मामला बिगड़ता देख अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को बुला ली। पुलिस ने हंगामा कर रहे लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया। तब जाकर उन लोगों को भर्ती किया गया। राजस्थान के अलवर से लौटने के कारण इन लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है।

सुबह महिला, बच्चे समेत पांच लोग सिविल अस्पताल पहुंचे। इन लोगों ने बताया कि वह राजस्थान के अलवर से लौटे हैं। चिकित्सकों ने उनके स्वास्थ्य की जांच की। अलवर में कोरोना का प्रकोप अधिक होने के चलते चिकित्सकों ने महिला, बच्चे समेत सभी पांच लोगों को अस्पताल में भर्ती किए जाने के लिए कहा। साथ ही, उनके सैंपल जांच को भेजे जाने की बात बताई। 

आइसोलेशन वार्ड में भर्ती होने की बात सुनकर इनमें से दो युवक भड़क गए। चिकित्सकों ने उन्हें समझाया कि वह लोग ऐसे स्थान से लौटे, जहां पर कोरोना वायरस का प्रकोप अधिक है। इसलिए जांच जरूरी है। जांच रिपोर्ट दो से तीन दिन में आती है। तब तक उनको आइसोलेशन वार्ड में ही रहना होगा। 

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दोनों युवकों ने कहा कि सैंपल लेने के बाद उन्हें घर जाने दें। इसे लेकर हंगामा शुरू हो गया। इस पर अस्पताल प्रशासन ने पुलिस बुला ली। पुलिस ने दोनों युवकों को समझा बुझाकर शांत कराया। उन्हें बताया गया कि इस प्रक्रिया से वह भी सुरक्षित हैं और अन्य लोग भी सुरक्षित रहेंगे। तब जाकर वह लोग शांत हुए। पुलिस ने इसी के साथ चेतावनी दी कि यदि वह चिकित्सकों की बात नहीं मानेंगे तो उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल प्रबंधक दिव्यांशु ने बताया कि भर्ती किए गए लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजा जाएगा।

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