Move to Jagran APP

चिनाब पुल के निर्माण में आइआइटी रुड़की का भी योगदान

जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी के ऊपर बनने वाला 359 मीटर ऊंचा पुल दुनिया का सबसे बड़ा रेल आर्च पुल में आइआइटी रुड़की का भी योगदान है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 16 Nov 2017 07:05 PM (IST)Updated: Fri, 17 Nov 2017 08:39 PM (IST)
चिनाब पुल के निर्माण में आइआइटी रुड़की का भी योगदान
चिनाब पुल के निर्माण में आइआइटी रुड़की का भी योगदान

रुड़की, [रीना डंडरियाल]: जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बनने वाले दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के निर्माण में आइआइटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) रुड़की का भी योगदान होगा। कोकण रेलवे की ओर से पुल निर्माण के लिए गठित टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड ने इस पुल का डिजाइन, दस्तावेज आदि तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आइआइटी के सिविल अभियांत्रिकी विभाग के पूर्व प्रोफेसर प्रेम कृष्णा भी इस बोर्ड के चेयरमैन रह चुके हैं।

loksabha election banner

भारतीय रेलवे की ओर से ऊधमपुर से बारामूला तक जम्मू-कश्मीर में नई रेलवे लाइन के निर्माण की वृहद परियोजना शुरू की गई है। इस लाइन पर चिनाब नदी के ऊपर बनने वाला 359 मीटर ऊंचा पुल दुनिया का सबसे बड़ा रेल आर्च पुल होगा। यह पुल कुतुबमीनार से लगभग पांच गुना अधिक और एफिल टॉवर से करीब 35 मीटर ऊंचा है। इस पुल की कुल लंबाई 1315 मीटर है, जो करीब 266 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवा के दबाव को झेल सकता है।

आइआइटी रुड़की के सिविल अभियांत्रिकी विभाग के पूर्व प्रो. प्रेम कृष्णा ने बताया कि वर्ष 2004 के आसपास कोकण रेलवे ने टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड का गठन किया था। तब वे इस बोर्ड के चेयरमैन थे। बोर्ड ने चिनाब नदी पर बनने वाले रेलवे ब्रिज के डिजाइन डिसीजन और दस्तावेज तैयार करने में सहयोग किया था। बोर्ड ने लगभग दो-तीन साल तक इस संबंध में कार्य किया। वहीं, आइआइटी रुड़की के इंजीनियर्स की ओर से क्षेत्र के भूकंपीय अध्ययन में भी सहयोग किया गया था।

उधर, चिनाब, कोकण रेलवे के मुख्य अभियंता आरके सिंह के अनुसार लगभग 1198 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस रेलवे पुल का निर्माण 2019 में पूरा होना है। पुल का लगभग 70 फीसद कार्य पूरा हो चुका है। इस पुल का डिजाइन 120 साल के लिए तैयार किया गया है। बताया कि दुनिया के इस सबसे ऊंचे रेलवे पुल का निर्माण पर्यटन के लिहाज से काफी फायदेमंद साबित होगा। साथ ही जम्मू-कश्मीर के आर्थिक विकास में भी इससे मदद मिलेगी।

यह भी पढ़ें: आइआइटी रुड़की का फोर-लॉजिक स्टेट मेमोरी डिवाइस, जानिए खासियत

यह भी पढ़ें: आइआइटी रुड़की में तैयार हो रही चिकनगुनिया की दवा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.