पहले की लापरवाही फिर संडे की छुट्टी का बहाना
जागरण संवाददाता, रुड़की: पाडली गुर्जर गांव में हाइटेंशन लाइन के कारण हुए हादसे में ऊज
जागरण संवाददाता, रुड़की: पाडली गुर्जर गांव में हाइटेंशन लाइन के कारण हुए हादसे में ऊर्जा निगम की लापरवाही सामने आ रही है। स्थानीय लोगों की ओर से हादसे की सूचना ऊर्जा निगम और प्रशासन के अधिकारियों को दी गई। इसके बावजूद किसी अधिकारी ने फोन उठाना तक गवारा नहीं समझा। ऊर्जा निगम के एक अधिकारी ने तो रविवार की छुट्टी होने की बात कह दी। ग्रामीणों का आरोप है कि हाइटेंशन लाइन जोड़ने के लिए ऊर्जा निगम के दो कर्मचारियों ने रुपये मांगे थे लेकिन रुपये नहीं देने के चलते बिना तार जोड़े कर्मचारी वहां से चले गए थे। उस समय यदि अधिकारी शिकायत को गंभीरता से लेते तो यह हादसा नहीं होता।
हादसे के बाद ग्रामीणों का कहना था कि गांव में हाइटेंशन लाइन का तार दो दिन से टूटा हुआ था। इसकी शिकायत ऊर्जा निगम के अधिकारियों से की गई थी। जिसके बाद दो कर्मचारी गांव में आए थे। आरोप है कि उन्होंने तार जोड़ने के लिए रुपये की मांग की थी लेकिन रुपये नहीं मिलने पर वह बिना तार जोड़े गांव से निकल गए। इसके लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है। हादसे के बाद प्रशासनिक अधिकारियों को भी फोन किया गया लेकिन उनका फोन नहीं उठा। हालांकि बाद में अपर तहसीलदार सुशीला कोठियाल गांव में पहुंची और मामले की जानकारी ली। वहीं ऊर्जा निगम के एक अधिकारी से जब ग्रामीणों ने कहा कि घटनास्थल पर आने में 15 मिनट लगते हैं तो अधिकारी ने यह कह दिया कि आज संडे की छुट्टी है। अधिकारियों के इस जवाब को लेकर भी ग्रामीण गुस्से में रहे। इससे पहले भी लापरवाही के चलते कई हादसे हो चुके हैं। इसी साल भगवानपुर के डाडा जलालपुर गांव में लाइनमेन की करंट से मौत हो गई थी। वहीं दरियापुर और मकदूमपुर में लाइन की चपेट में आकर कर्मचारी की मौत हो चुकी है। जबकि रामनगर बिजलीघर में काम करते समय एक कर्मचारी के दोनों हाथ झुलस गए थे। इन तमाम हादसों के बाद भी ऊर्जा निगम के अधिकारी सबक नहीं ले रहे। कोट-
यदि किसी कर्मचारी ने बिजली की लाइन का तार जोड़ने के लिए रुपये की मांग की है तो इसकी जांच कराई जाएगी। जांच में मामला सही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। यह आरोप निराधार हैं कि अधिकारी ने रविवार की छुट्टी होना बताया। अधिकारी ने यह कहा था कि उसका घर घटनास्थल से दूर है। इसलिए उसे पहुंचने में देर लगेगी।
नेहा, एसडीओ ऊर्जा निगम