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संतों की तलाश में हरिद्वार पहुंची हरियाणा पुलिस, जानिए पूरा मामला

हरियाणा पुलिस की एक टीम श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा के संतों की तलाश में सोमवार को हरिद्वार पहुंची।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 24 Jun 2019 06:51 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jun 2019 08:01 PM (IST)
संतों की तलाश में हरिद्वार पहुंची हरियाणा पुलिस, जानिए पूरा मामला
संतों की तलाश में हरिद्वार पहुंची हरियाणा पुलिस, जानिए पूरा मामला

हरिद्वार, जेएनएन। श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा के संतों की तलाश में हरियाणा पुलिस की एक टीम सोमवार को हरिद्वार पहुंची। टीम ने पथरी थाने में आमद दर्ज कराने के बाद अखाड़े की एक्कड़ शाखा और कनखल स्थित अखाड़ा मुख्यालय में श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह और अन्य संतों की तलाश की, लेकिन पुलिस किसी भी संत तक नहीं पहुंच सकी। हरियाणा की पुलिस फिलहाल हरिद्वार में डेरा डाले हुए है।

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श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल की हरियाणा के कुरुक्षेत्र में भी संपत्ति है। कुछ साल पहले अखाड़ा संतों ने एक प्रॉपर्टी डीलर को जमीन बेचकर नई भूमि खरीदी थी। प्रॉपर्टी डीलर ने खरीदी गई जगह पर प्लॉटिंग की है। इस मामले में प्लॉट खरीदने वाले लोगों ने कुरुक्षेत्र के एसएसपी से शिकायत करते हुए संतों पर पार्क की जमीन बेचने का आरोप लगाया था। जिसके बाद कुरुक्षेत्र की दुख भजन कॉलोनी निवासी नीलम देवी पत्नी सुरेश कुमार की तहरीर पर थानेसर सिटी थाने में अखाड़ा अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह, सचिव महंत बलवंत सिंह समेत कुल 12 संतों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। इस मामले में एसआइ कुलदीप कुमार, नरेश कुमार व कांस्टेबल सोहन आदि हरिद्वार पहुंचे। 

पथरी थाने में आमद दर्ज कराने के बाद अखाड़े की एक्कड़ गांव की शाखा में जाकर संतों की तलाश की। इसके बाद कनखल अखाड़ा मुख्यालय जाकर भी खोजबीन की, लेकिन संतों को पुलिस ढूंढ नहीं सकी। सोमवार शाम तक पुलिस हरिद्वार में ही डेरा डाले हुए थी। पथरी थानाध्यक्ष गोविंद कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि हरियाणा के कुरुक्षेत्र से पुलिस निर्मल अखाड़ा के संतों की तलाश में आई है।

हरियाणा के सीएम से मिलेंगे संत

निर्मल अखाड़े के कोठारी महंत जसवेंद्र सिंह का कहना है कि यह 15 साल पुराना है। पांच बीघा जमीन बेच कर अखाड़ा हित में 25 एकड़ जमीन खरीदी गई थी। आरोप लगाया कि अखाड़ा संपत्ति पर कब्जे का षड़यंत्र रचने वाले लोग ही श्रीमहंत से बदला लेने का प्रयास कर रहे है। अखाड़ा और श्रीमहंत की छवि को जानबूझकर खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। महंत अमनदीप ने बताया कि इस बारे में जल्द ही हरियाणा के मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक से मिलकर निष्पक्ष जांच कराने की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि अखाड़े के संत कहीं नहीं गए हैं, उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है।

संतों ने विरोध जताया

पूरे मामले में हरिद्वार के संत समाज ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। भारत साधु समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने मीडिया को बयान जारी कर बताया कि श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह संत समाज के प्रेरणास्रोत हैं और उनको गिरफ्तार करने से पहले पुलिस को सौ बार सोचना होगा। वहीं अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि 80 साल के बुजुर्ग संत को परेशान किया जा रहा है, इसे संत बर्दाश्त नहीं करेंगे।

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