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Haridwar Kumbh 2021: देश के मठ-मंदिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त किए जाएं: विहिप

Haridwar Kumbh Mela 2021 विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने देश सभी मठ-मंदिरों सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के लिए आवाज मुखर की है। हरिद्वार में विहिप की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में सर्वसम्मति से इस आशय का प्रस्ताव पारित किया गया।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 03:44 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 03:44 PM (IST)
Haridwar Kumbh 2021: देश के मठ-मंदिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त किए जाएं: विहिप
देश के मठ-मंदिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त किए जाएं: विहिप।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Haridwar Kumbh Mela 2021 विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने देश सभी मठ-मंदिरों सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के लिए आवाज मुखर की है। हरिद्वार में विहिप की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में सर्वसम्मति से इस आशय का प्रस्ताव पारित किया गया। कहा गया कि इस बारे में जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेगा। इसके अलावा रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग भी की गई। 

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शुक्रवार को हरिद्वार के अखंड परमधाम आश्रम में शुक्रवार को आयोजित विहिप की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में दो सत्र आयोजित किए गए। बैठक की शुरुआत में श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री एवं विहिप के केंद्रीय उपाध्यक्ष चम्पत राय ने अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम के मंदिर की प्रगति से सदस्यों को अवगत कराया। पहले सत्र में विहिप के महामंत्री मिलिन्द परांडे ने मठ मंदिर से सरकारी नियंत्रण खत्म करने संबधी प्र्रस्ताव रखा। इस पर सदस्यों ने कहा कि मंदिरों में दान के रूप में एकत्र धन सिर्फ सनातन धर्म और उसके धर्मावालंबियों के कल्याण में ही खर्च होना चाहिए। 

सबने एक स्वर में कहा कि मठ-मंदिरों का संचालन-प्रबंध करना सरकार का काम नहीं। सवाल उठाया कि क्या सरकारें चर्च, मस्जिद, गुरुद्वारों सहित अन्य धर्म स्थलों का संचालन अथवा प्रबंधन करती हैं। प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित किया गया। चेतावनी दी गई कि यदि इससे बात नहीं बनीं तो इसके लिए पूरे देश में जन-जागरण अभियान चलाएगा जाएगा। मांग की गई कि मंठ-मंदिरों को सरकारी नियंत्रण में लेने के बजाय देश में बढ़ रही कब्रगाहों और मजारों पर प्रतिबंध लगाया जाए। 

बैठक में मद्रास उच्च न्यायालय के कार्तिकेय मंदिर मामले में भक्तों का ट्रस्ट बनाकर मंदिर में पूजा-अर्चना करने और उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय के काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में पुरातत्विक सर्वे के आदेश का स्वागत किया गया। बैठक में मांग की गई कि रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के साथ ही इसका संरक्षण संरक्षण पुरातत्व विभाग करे। कहाकि रामसेतु सनातक संस्कृति प्रेरणा स्रोत है। 

लव जिहाद के खिलाफ चलेगा देशव्यापी अभियान  

ब ठक में लव जिहाद और धर्मांतरण पर भी चर्चा की गयी। बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि लव जेहाद के खिलाफ कड़े कानून बनाए जाएं। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद ने इसे विधर्मियों की साजिश करार दिया।  शादाणी दरबार के नवम् पीठाधीश्वर डॉ. युधिष्ठर लाल ने संत समाज से आग्रह किया कि पाकिस्तान ने आने वाले हिंदुओं को भारत में शरण दिलाई जाए। पाकिस्तान में हिंदुओं की दुर्दशा मानवता के लिए चिंता का विषय है।

बैठक में ये संत रहे उपस्थित

बैठक में जगद्गुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि, आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि, परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि, महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंद, महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि।

बैठक में उपस्थित विहिप के पदाधिकारी 

विहिप संरक्षक दिनेश चंद्र, कार्याध्यक्ष आलोक कुमार, संगठन महामंत्री विनायक राव देशपांडे, संयुक्त महामंत्री कोटेश्वर शर्मा, केंद्रीय मंत्री जुगल किशोर, केंद्रीय प्रबंध समिति के सदस्य धर्मनारायण शर्मा, सहमंत्री हरिशंकर, क्षेत्र संगठन मंत्री मनोज वर्मा, प्रांत उपाध्यक्ष भारत गगन।

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