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अखाड़ा परिषद में दो फाड़, बैरागी अणियों ने चुनाव कराने की मांग की

Haridwar Kumbh 2021 तीनों बैरागी अणियों ने खुद को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से अलग करते हुए अखाड़ा परिषद के चुनाव की मांग की है। 18 बैरागी अखाड़ों का प्रतिनिधित्व करने वाली अणियों के प्रतिनिधियों ने पत्रकार वार्ता कर इसकी घोषणा की।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Fri, 12 Feb 2021 01:54 PM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2021 01:54 PM (IST)
अखाड़ा परिषद में दो फाड़, बैरागी  अणियों ने चुनाव कराने की मांग की
तीनों बैरागी अणियों ने खुद को अखाड़ा परिषद से अलग करने का किया एलान। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Haridwar Kumbh 2021 अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में शामिल तीनों बैरागी अणियों ने अखाड़ा परिषद पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए खुद को परिषद से अलग कर लिया है। शुक्रवार को बैरागी कैंप में पत्रकार वार्ता में इसका एलान करते हुए बैरागी अणियों के प्रतिनिधियों ने एक माह के भीतर अखाड़ा परिषद के चुनाव कराने की मांग की। उन्होंने चुनाव न होने की दशा में स्वतंत्र रूप से कुंभ में शामिल रहने की बात कही है। आरोप लगाया कि अखाड़ा परिषद कुंभ में उनकी जरूरतों को नजरअंदाज कर रही है। कुंभ के लिए राज्य सरकार की ओर से मिलने वाली सहायता भी उन्हें उपलब्ध नहीं हुई है। 

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बैरागी कैंप स्थित अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अणि अखाड़े में आयोजित पत्रकार वार्ता में तीनों बैरागी अणियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। आरोप लगाया कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में शामिल सभी संन्यासी अखाड़े अपना तो काम करा रहे हैं। लेकिन, बैरागी अखाड़ों के कामकाज और उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। श्रीपंच दिगंबर अणि अखाड़े के प्रतिनिधि और अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा हठयोगी, महंत दुर्गा दास, महंत रामशरण दास और जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी अध्यक्षाचार्य ने आरोप लगाया कि कुंभ मेले के लिए सरकार अन्य अखाड़ों के लिए व्यवस्था कर रही है और बैरागी संतों को अभी तक कोई सुविधा नहीं मिली है। बैरागियों से अलग अन्य अखाड़ों के पीछे पूरी सरकार लगी है। मंत्री और सांसद हरिद्वार से हैं। लेकिन, वह बैरागी अखाड़ों की सुध नहीं ले रहे हैं। कहा कि नई अखाड़ा परिषद में परंपरा के अनुसार अध्यक्ष का पद संन्यासी, जबकि महामंत्री का पद बैरागी अखाड़ों के पास होना चाहिए। आरोप लगाया कि वर्तमान अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में अध्यक्ष और महामंत्री दोनों पद संन्यासी अखाड़े के पास होने के कारण बैरागी अखाड़ों की मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि वृंदावन मेले के बाद लाखों की संख्या में बैरागी संत हरिद्वार कूच करेंगे। यदि शासन-प्रशासन संतों को सुविधा उपलब्ध कराता है तो ठीक है अन्यथा तीनों बैरागी अखाड़े और उनके खालसे अपने स्तर पर कुंभ की तैयारियां करेंगे फिर चाहे शासन गोली चलाए या डंडे। इस मौके पर महंत प्रह्लाद दास, महंत राजेंद्र दास, महंत अगस्त दास, महंत सिंटू दास, स्वामी अमित दास आदि संत मौजूद रहे।

-श्रीमहंत नरेंद्र गिरि (राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद) ने कहा कि बैरागी अखाड़ों से उनकी नाराजगी को लेकर वार्ता की जाएगी। क्रोध के आवेग में बैरागी अणियों ने अखाड़ा परिषद को भंग करने और चुनाव कराने की बात कही है। सरकार की ओर से बैरागी अखाड़ों को कुंभ की तैयारी के लिए धन दिए जाने की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही, उन्हें भी धनराशि प्राप्त हो जाएगी।

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