Haridwar Kumbh 2021: ग्रीन कुंभ के लिए हरिद्वार तैयार, जानिए और क्या है खास
विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक मेला कुंभ का वर्ष 2021 में हरिद्वार में आयोजन होने जा रहा है। कुंभ मेला अधिष्ठान ने स्वदेशी और ग्रीन कुंभ की थीम पर मेले के आयोजन की तैयारी शुरू कर दी है
हरिद्वार, अनूप कुमार सिंह। सनातन हिन्दू धर्म का महापर्व और विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक मेला कुंभ का वर्ष 2021 में हरिद्वार में आयोजन होने जा रहा है। कुंभ मेला अधिष्ठान ने स्वदेशी और ग्रीन कुंभ की थीम पर मेले के आयोजन की तैयारी शुरू कर दी है। प्लास्टिक-पॉलीथिन मुक्त कुंभ मेला-2021 के आयोजन में ईको-फ्रेंडली इंतजामों पर रहेगा फोकस रखने के साथ ही गंगा की स्वच्छता-निर्मलता पर खास जोर दिया जा रहा है। जनवरी 2021 से मई 2021 तक चलने वाले हरिद्वार कुंभ मेले में इस बार 16 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। 2010 में यह आंकड़ा करीब आठ करोड था। इसके लिए 2010 की तुलना में इंतजाम भी दोगुने स्तर पर हो रहे हैं। कुंभनगर में 50 हजार टेंट लगाए जाने के साथ-साथ अति-विशिष्ट अतिथियों के लक्जरी टेंट सिटी बनाने की भी तैयारी है।
इस बार भी हरिद्वार सहित पूरे कुंभ मेला क्षेत्र यानी देवप्रयाग तक बड़े पैमाने पर कार्य हो रहे हैं, वहीं वर्षों से अधूरे पड़े हरिद्वार-मुज्जफरनगर हाइवे निर्माण की आस पूरी होने की उम्मीद है। केंद्र-राज्य दोनों ही इसके लिए कृत संकल्प नजर आ रही हैं। कुंभ के आयोजन में सौर ऊर्जा के इस्तेमाल पर पूरा जोर रहेगा, विद्युत ऊर्जा का कम से कम केवल अति आवश्यक व्यवस्थाओं में ही इसका इस्तेमाल किया जाएगा।
निर्धारित अवधि से एक वर्ष पहले हरिद्वार कुंभ
यूं तो कुंभ हर बारह वर्ष में होता है पर, इस बार हरिद्वार एक वर्ष पूर्व यानी 2022 की जगह 2021 में हो रहा है। हरिद्वार कुंभ का आयोजन दो प्रमुख राशियों में से मेष राशि में सूर्य के होने और कुंभ में बृहस्पति के होने से बनने वाले योग और नक्षत्रों की अनुकूल स्थिति में होता है।
अंडरग्राउंड वायरिंग-कुकिंग गैस पाइप लाइन
इसके अलावा कुंभ में हरिद्वार की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को अंडरग्राउंड करने के साथ ही कुंकिंग गैस पाइप लाइन बिछाने का काम भी तेजी से चल रहा है, कुंभ की शुरुआत से पहले इनके पूरा हो जाने की उम्मीद है। हरिद्वार राज्य का पहला जिला हैं, जहां यह सुविधा मिलने जा रही है। सीएनजी गैस स्टेशन ने हाल ही में यहां काम करना शुरु कर दिया है। इससे यहां के स्थानीय निवासियों को सस्ती कुकिंग गैस मिलने के साथ-साथ गैस सिलेंडर के लिए गैस एजेंसियों की लंबी-लंबी लाइन से भी मुक्ति मिल जाएगी। साथ ही खत्म हो जाएगा ऐन मौके पर गैस खत्म हो जाने का संकट।
निर्मल गंगा की कवायद
इसके साथ गंगा की निर्मलता को लेकर शहरी और उससे लगे ग्रामीण क्षेत्रों की सीवरेज-डै्रनेज व्यवस्था में सुधार का काम बड़े पैमाने पर चल रहा है। सभी नालों-सीवर लाइन को पंपिंग स्टेशन के जरिए एसटीपी से जोड़ा जा रहा है। नए नालों-सीवर लाइन बिछाने का काम युद्द स्तर पर जारी है, रोजाना निकलने वाले सीवरेज और ड्रैनेज जल के शोधन को नई एसटीपी बनाई जा रही है। यह सभी अगले तीन महीनों में काम करने लगेंगी, इससे हरिद्वार में शहरी और उससे लगे ग्रामीण क्षेत्रों से रोजाना निकलने वाले सीवरेज-ड्रैनेज जल के शोधन की कुल क्षमता 63 एमएलडी (मिलीयन लीटर डेली) प्रतिदिन से बढ़कर 127 एमएलडी प्रतिदिन हो जाएगी।
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ट्रांजिट हॉस्टल, प्रशासनिक भवन, बैरक, मैस आदि का निर्माण
कुंभ की चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम में लगे सुरक्षा कर्मियों-अधिकारियों की सुविधा को 1203.26 लाख की लागत से ट्रांजिस्ट हास्टल, पुलिस मैस, प्रशासनिक भवन, बैरक आदि का निर्माण कराया जा रहा है।
12 कार्यों के लिए 11255.79 लाख की योजना
उत्तराखंड सिंचाई विभाग हरिद्वार से लेकर उत्तर प्रदेश की सीमा तक तकरीबन 68 किमी के गंगनहर पटरी मार्ग के चौड़ीकरण (सिंगल लेन की जगह डबल लेन) निर्माण के साथ-साथ मुनि की रेती, हरिद्वार और ऋषिकेश में आस्था पथ, नहरी क्षेत्र में लिंक रोड का निर्माण, आठ स्नान घाट का निर्माण, स्टील गर्डर सेतु का निर्माण, ऋषिकेश बैराज से चंडीघाट पुल तक 23.07 किमी सड़क मार्ग का निर्माण।
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