फुटपाथ पर कारोबार, पैदल चलने की जगह नहीं
जागरण संवाददाता हरिद्वार शहर में अतिक्रमण की समस्या नासूर बनी हुई है। जिन स्थानों पर बी
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: शहर में अतिक्रमण की समस्या नासूर बनी हुई है। जिन स्थानों पर बीते साल अतिक्रमण पर प्रशासन का डंडा चला था वहां दोबारा अतिक्रमण हो गया है। अतिक्रमणकारियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि फुटपाथों को भी नहीं छोड़ा है। यहां फल-सब्जी की ठेलियों से लेकर अस्थायी ढाबे, फड़ लगाकर कपड़े, खिलौने, फूल, प्रसाद आदि की बिक्री होते देखी जा सकती है। कई दुकानदारों ने अपनी दुकान का सामान फुटपाथों पर सजा रखा है। इससे फुटपाथों पर पैदल चलने की जगह तक नहीं बची है।
हाईकोर्ट के आदेश पर बीते साल प्रशासन ने अतिक्रमण के विरुद्ध प्रभावी अभियान चलाया था। कनखल, ज्वालापुर और मध्य हरिद्वार में छिटपुट विरोध के बीच सभी कच्चे-पक्के अवैध निर्माण ध्वस्त करा दिये गये थे। नाले नलियों पर स्लैब डाल कर अतिक्रमण को भी प्रशासन ने हटा दिया था। सिस्टम के सुस्त पड़ते ही
दोबारा से सड़क और फुटपाथों पर अतिक्रमण हो गया। रेलवे रोड, ललतारौ पुल, भीमगोड़ा, खड़खड़ी क्षेत्र में ऐसे नजारे आसानी से देखने को मिल सकते हैं। कई दुकानदार अपने प्रतिष्ठान के आगे फुटपाथ पर ठेली, स्टॉल आदि लगाने के एवज में बकायदा वसूली भी करते हैं। हालांकि स्नान पर्वों और अन्य बड़े आयोजनों पर पुलिस प्रशासन फुटपाथों को खाली भी कराता है, लेकिन आयोजन खत्म होते ही दोबारा इन पर कब्जा हो जाता है। इस संबंध में पूछे जाने पर सहायक नगर आयुक्त उत्तम सिंह नेगी ने बताया कि अतिक्रमण चिन्हित कर जल्द प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।