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    जनसुनवाई में लापरवाही! हरिद्वार DM की सख्त कार्रवाई, दो तहसीलदार सहित पांच अधिकारियों का वेतन रोका

    Updated: Tue, 01 Jul 2025 10:02 AM (IST)

    हरिद्वार में जनसुनवाई में लापरवाही बरतने पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित सख्त दिखे। उन्होंने सीएम हेल्पलाइन और जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज शिकायतों की समीक्षा ...और पढ़ें

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    सीएम हेल्पलाइन एवं सीएम जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज शिकायतों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित। जागरण

    जागरण संवाददाता, हरिद्वार। जनसमस्याओं के प्रति सरकारी तंत्र की उदासीनता को लेकर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सोमवार को बड़ी कार्यवाही की। जिला कार्यालय सभागार में आयोजित बैठक के दौरान सीएम हेल्पलाइन एवं सीएम जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज शिकायतों की विभागवार समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने लापरवाह अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई।

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    दो तहसीलदार सहित पांच अधिकारियों का जून माह का वेतन रोकने और स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए। साथ ही यह भी चेतावनी दी कि यदि आगे भी जनशिकायतों के निस्तारण में लापरवाही बरती गई, तो संबंधित अधिकारी इसके गंभीर दुष्परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। जनसेवा में कोताही अब किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

    लापरवाह अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी

    बैठक में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जनशिकायतों के निस्तारण में हीलाहवाली और धीमी प्रगति पर गहरा असंतोष जताया। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि शासन की प्राथमिकता जनसमस्याओं का शीघ्र समाधान है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। उन्होंने जन शिकायतों को समयबद्ध ढंग से हल कर आम जनता को राहत देने की नसीहत दी।

    जिलाधिकारी ने सीएम हेल्पलाइन एवं सीएम जनसुनवाई पोर्टल पर प्राप्त समस्याओं के निस्तारण में लापरवाही करने पर पांच अधिकारियों का जून माह का वेतन रोकने के आदेश जारी कर दिए। इसमें जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) आशुतोष भंडारी, नगर पालिका शिवालिक नगर के अधिशासी अधिकारी सुभाष कुमार, हरिद्वार तहसीलदार हरिद्वार सचिन कुमार, रुड़की तहसीलदार विकास कुमार अवस्थी व चकबंदी अधिकारी रुड़की शामिल हैं। इन सभी अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया।

    शिकायतों का समाधान कागजों पर नहीं जमीनी स्तर पर होना चाहिए

    जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने निर्देश दिए कि सीएम हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतों का समाधान केवल कागजों में नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे स्वयं शिकायतकर्ता से दूरभाष पर वार्ता करें और उनकी समस्या का समाधान सुनिश्चित करें। साथ ही यह भी कहा कि अधिकारियों की ओर से जा रही कॉल्स की प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जा रही है और इस प्रक्रिया को और अधिक सख्त किया जाएगा।