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गायत्री परिवार ने की गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ उपासना, कोरोना से बचाव को हुआ विशेष अनुष्ठान

गायत्री तीर्थ शांतिकुंज और अखिल विश्व गायत्री परिवार के विश्वभर में फैले सदस्यों ने रविवार को कोरोना महामारी से बचाव के लिए विशेष आध्यात्मिक अनुष्ठान किया।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 09:19 PM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 10:19 PM (IST)
गायत्री परिवार ने की गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ उपासना, कोरोना से बचाव को हुआ विशेष अनुष्ठान
गायत्री परिवार ने की गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ उपासना, कोरोना से बचाव को हुआ विशेष अनुष्ठान

हरिद्वार, जेएनएन। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज और अखिल विश्व गायत्री परिवार के विश्वभर में फैले सदस्यों ने रविवार को कोरोना महामारी से बचाव के लिए विशेष आध्यात्मिक अनुष्ठान किया। अनुष्ठान अखिल विश्व गायत्री परिवार की ओर से चलाए जा रहे गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ और उपासना अभियान के अंतर्गत किया गया। इसके तहत शांतिकुंज या उसके अधीनस्थ संस्थानों में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके साधकों ने अपने-अपने घरों में यज्ञ संपन्न कराया। इनमें हजारों ऐसे लोग भी थे, जिन्होंने मोबाइल पंडित (पूजा प्रक्रिया का वीडियो) के जरिए हवन किया। इसके लिए उन्हें पिछले एक माह से ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा था और यज्ञ-हवन की विधि समझाने के लिए वीडियो भेजे गए थे।

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गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने अपनी पूर्व निर्धारित तिथि के अनुसार वर्ष 1990 में गायत्री जयंती पर महाप्रयाण किया था। इस मायने में गायत्री परिवार के लिए गायत्री जयंती खास हो जाती है। बीते वर्षों में भी गायत्री जयंती के अवसर पर विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किए जाते रहे हैं। लेकिन, इस वर्ष लॉकडाउन के कारण सामूहिक के बजाय स्थान-स्थान पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। 

इसके पीछे मुख्य वजह स्वास्थ्य, पर्यावरण रक्षा, सद्बुद्धि, सत्कर्म और वातावरण शोधन की स्थापना है। दावा है कि स्वास्थ्य और पर्यावरण रक्षा के इस महान आयोजन में सौ से अधिक देशों के करीब 15 करोड़ लोगों ने आयुर्वेदिक औषधियुक्त हवन सामग्री के साथ गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, वेदों में उल्लिखित 12 तरह के आदित्य मंत्र व दो तरह के कृमिनाशक मंत्रों की आहुति डाली। 

गायत्री तीर्थ शांति कुंज के अधिष्ठाता और आध्यात्मिक गुरु डॉ. प्रणव पंड्या ने बताया कि कोरोना के कहर से बचने को विश्व स्तर कई प्रयास चल रहे हैं। भारतीय वेद-पुराण और आयुर्वेदिक ग्रंथों में इस तरह के समय में विश्व स्वास्थ्य रक्षा को अनेक मंत्र, श्लोक और उपाय बताए गए हैं। वैदिक काल के ये मंत्र, यज्ञ और उपाय आज भी प्रासांगिक और अचूक हैं। इसी तरह गायत्री मंत्र का उच्चारण वातावरण को शुद्ध, शांत और आध्यात्मिक बनाता है। बताया कि इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए बीते कई वर्षों से गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ एवं उपासना का एक अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान शांतिकुंज के रचनात्मक प्रकोष्ठ की देख-रेख में चल रहा है। 

हवन में इन सामाग्रियों का हुआ उपयोग

अमृता, ब्राह्मी, आज्ञा घास, गूगल, तिल, गाय का घी, चावल, गुड़, नीम, पाकड़, बेल, नील गिरि, अगर, तगर, आम की लकड़ी, गाय के गोबर से बने कंडे और हवन सामग्री।

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शांतिकुंज परिसर से शुरू हुआ अभियान

अभियान की शुरुआत हरिद्वार स्थित शांतिकुंज परिसर में शैल दीदी ने पौधारोपण कर की। बताया गया कि गृहे-गृहे यज्ञ व उपासना अभियान के तहत सोमवार को गायत्री जयंती-गंगा दशहरा पर्व पर शांतिकुंज के अधिष्ठाता डॉ. प्रणव पंड्या हवन करेंगे। गायत्री परिजनों ने बताया कि गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ एवं उपासना का मुख्य उद्देश्य मानव कल्याण है।

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